बीएचयू : रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों की फजीहत 

बीएचयू : रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों की फजीहत 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल लगातार तीसरे दिन भी जारी रही। वे कोलकाता की महिला जूनियर डॉक्टर से दरिंदगी के आरोपितों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की मांग करते हुए मंगलवार से हड़ताल पर हैं। उन्होंने आईएमएस, बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार की अपील ठुकराते हुए आज भी हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है। इससे बीएचयू अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा उठी है। धरना दे रहे डाक्टरों का कहना है कि हम सभी ने 8 सूत्री मांग पत्र को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर के के गुप्ता को दिया। जिसमें हमारी सबसे प्रमुख मांग है कि अगर अस्पताल में किसी भी डॉक्टर के साथ मारपीट होती है तो अस्पताल के मुख्य चिकित्सक अधिकारी इसकी जिम्मेदारी ले और अपनी तरफ से आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराए। उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों को पत्र जा चुका है और सब अस्पतालों में लागू हो चुका है। पर सर सुंदरलाल अस्पताल के मुख्य चिकित्सक इसकों अपने अस्पताल में लागू नहीं कर रहें।?
कुछ ओपीडी में मिला परामर्श
अस्पताल की सभी ओपीडी में मरीजों की संख्या कम हो गई है। अनेक मरीजों की सर्जरी की डेट टल गई, उन्हें लौटना पड़ा। अनेक मरीज पैथालॉजी जांच के लिए भटकते दिखे। वहीं, वार्डों में भर्ती मरीजों को भी दिक्कतें बढ़ गई हैं। सुबह ओपीडी में कुछ सीनियर डॉक्टर और प्रोफेसर परामर्श दे रहे। लेकिन सीनियर रेजीडेंट गायब थे। गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, पीडियाट्रिक, मेडिसिन सहित सभी विभागों में मरीजों की कतार दिखी। वहीं,बुधवार को महज 3958 मरीज परामर्श के लिए पहुंचे थे। जबकि मंगलवार को 4919 मरीज पहुंचे थे। बुधवार को 961 मरीज घट गए।

रेजिडेंटों की हड़ताल मरीजों पर भारी

कोलकाता में महिला डाक्टर से दङ्क्षरदगी व हत्या के मामले में बीएचयू में शुरू हुई सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंटों की हड़ताल मरीजों पर भारी पड़ रही है। बुधवार को कई मरीज बिना इलाज ही लौटा दिए गए। चार सौ से अधिक रेजिडेंट विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। अब उनकी मांग है कि अगर रेजिडेंटों के साथ कोई घटना होती है तो मुकदमा अस्पताल प्रबंधन और विभागाध्यक्ष को दर्ज कराना होगा। उनकी तरफ से कोई तहरीर नहीं दी जाएगी, इस मांग पर गतिरोध बना हुआ है। मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए आइएमएस निदेशक प्रो. एनएन संखवार ने नोटिस जारी किया है। कहा कि प्रकरण में सख्ती की जाएगी। जितने दिन रेजिडेंट हड़ताल पर रहेंगे, उन्हें उस दिन का वेतन नहीं दिया जाएगा। दिसंबर में आयोजित परीक्षा में भी इसका असर देखने को मिलेगा। इसके पहले रेजिडेंट बैनर लेकर आइएमएस कार्यालय पर धरना दिए। उनका आरोप है कि मांगों को पूरा नहीं किया गया है जबकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि रेजिडेंटों की अधिकांश मांगें मान ली गई है। ओपीडी में केवल कंसल्टेंट ही बैठे रहे। इससे मरीजों की भीड़ ओपीडी के अंदर से बाहर तक लगी रही। हड़ताल का असर आपरेशन थियेटर से लेकर जांच काउंटर तक देखने को मिलेगा।