आईपीएल शुरू होते ही सज गया सट्टा बाजार
वाराणसी (रणभेरी): आईपीएल मैच शुरू होते ही जिले के कई स्थानों पर सट्टे का कारोबार शुरू हो गया है। बड़े पैमाने पर सट्टे खिलाए जा रहे हैं, लेकिन पुलिस इन बातों से पूरी तरह अनजान बनी हुई है। शायद अभी पुलिस को कोई घटना का इंतजार है। अभी हाल में ही सट्टे के कारण कोतवाली थानान्तर्गत सटोरियों की प्रताड़ना से एक युवक ने आत्म हत्या कर लिया था। सटोरिये जीत-हार के अलावा सर्किल पर भी सट्टा खिलाने का काम कर रहे हैं। बताया जाता है कि जिले में एक मैच में करोड़ों का वारा न्यारा हो जा रहा है। सूबे के कई जिलों में पुलिस सट्टे के मामले में सटोरियों के खिलाफ जांच कराकर गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की बात कह रही है।
26 मार्च से आईपीएल का मैच शुरू हो गया है। मैच शुरू होते ही सट्टे का कारोबार भी तेजी से फैल गया। चर्चा है कि शहर की गलियों से लेकर मुख्य चौराहों की दुकानों पर सट्टे लगाने व खेलने का काम बड़े पैमाने पर हो रहा है। जीत हार के अलावा सर्किल का भी सट्टा खेला जा रहा है। बताया जाता है कि छह ओवर का एक सर्किल माना जाता है। जिसमें कितने रन व कितने विकेट गिरेंगे। उस पर भी सट्टा लगता है। मैच शुरू होने के पहले से ही सट्टा का भाव बढ़ने व गिरने लगता है। चर्चा है कि सट्टा खेलने वाले लोग अपने मोबाइल में एक ऐप डाउनलोड किए हैं। जो हर गेंद पर मैच में लगने वाले सट्टे के रेट को बताता रहता है। बताया यह भी जाता है कि विकेट गिरने पर भाव कम हो जाता है और चौका-छक्का पड़ते ही भाव बढ़ जाता है। चर्चा तो यहां तक है कि शहर में जो लोग सट्टा खिलाने का काम कर रहे हैं। उनसे पुलिस अनजान नहीं है, लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। यह बात किसी को हजम नहीं हो रही है।
जबकि जिस शहर के चप्पे चप्पे पर शासन सत्ता के तमाम खुफिया तंत्रों की पल-पल नज़र रहती है। उस शहर वाराणसी में भी सट्टे का काला कारोबार न केवल चरम पर है बल्कि इसके शिकार होकर बर्बादी की कगार पर पहुचने वालों की तादात दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। वाराणसी के तमाम क्षेत्रों में आनलाइन सट्टा के अवैध कारोबारियों का बोलबाला है जिनकी हनक के आगे किसी की नहीं चलती है। अवैध कमाई के दम पर ऐसे सट्टेबाज़ न केवल स्थानीय प्रशासन की खातिरदारी करके अपने रिश्ते अच्छे रखते हैं बल्कि स्थानीय स्तर पर शासन प्रशासन के बीच पैठ रखने वाले सफेदपोशों का भी इन्हें संरक्षण प्राप्त होता है।
बदनाम गली के शातिर सिकंदर
सूत्रों के अनुसार कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत आईपीएल मैच पर सट्टे के काले कारोबार का मुख्य सरगना गोलू पाड़े और जैकी बाबा नाम के दो शातिर सटोरी हैं इनके लिए काम करने वालों में इनके सबसे ख़ास आदमी का नाम हमज़ा और परवेज बताया जा रहा है जो की आदमपुर थाना क्षेत्र के हैं जिनके दम पर शहर के तमाम हिस्से में इनका कारोबार फल-फूल रहा है। सूत्र बताते है कि कोतावाली थाना क्षेत्र के निवासी इन मास्टर माइंड सटोरियों के सट्टे के खेल में फंसकर दर्जनों लोगों ने अपनी जान और सम्मान बचाने के लिए अपना घर,मकान या फिर दूकान तक इसके हवाले कर दिया। कुछ घर छोड़कर भाग गए तो कुछ ने खामोशी के साथ आत्म ह्त्या कर लिया। लेकिन सट्टे के खेल के ये कुख्यात अपराधी अपनी काली कमाई के जरिये खुद को दिन पर दिन मजबूत करते जा रहे है। यदि वक्त रहते जिला प्रशासन ने इस सटोरी पर अपना शिकंजा कस लिया तो कई सफेदपोश संरक्षणदाताओं के बेनकाब होने के साथ-साथ सैकड़ो ज़िन्दगिया बर्बाद होने से बाख जायेंगी।
ज्वैलरी व्यवसायी से लिखवा लिया दूकान
भैरवनाथ निवासी इस शातिर सट्टेबाज़ की दबंगई का यह आलम है कि लाकडाऊन से पहले गायघाट मोहल्ले के एक सर्राफा व्यवसायी को इसने सट्टे के शिकंजे में फसाकर अपना शिकार बना लिया था और फिर पूरे तरीके से उस सर्राफा व्यवसायी से सब कुछ हासिल करने के बाद हारे हुए रकम की वसूली के नाम पर रेशम कटरा गोविन्दपुरा स्थित भुक्तभोगी सर्राफा व्यवसायी के जीविकोपार्जन का एक मात्र ज़रिया उसकी दूकान तक अपने नाम से लिखवा लिया।
...जब लगा था गोली मारने का आरोप !
लाकडाऊन के शुरूआती दौर में कोतवाली थाना अंतर्गत ब्रह्माघाट क्षेत्र में सट्टा विवाद में जब एक युवक को गोली मारी गयी थी तो उस समय गोली के शिकार युवक ने घायलावस्था में अस्पताल के बेड से अपने बयान में भैरवनाथ निवासी इसी युवक का नाम बताया था। उस वक्त भी पैसों के बल पर इस शातिर सटोरी ने सब कुछ मैनेज कर लिया था और इस मामले से बड़े सफाई के साथ अलग निकल गया। सूत्र बताते है कि उस समय में इस शातिर सट्टेबाज़ को बचाने में उसी सपा नेता ने अहम् भूमिका निभाई थी जिस सपा नेता के संरक्षण में शहर के सट्टेबाज़ सैकड़ो ज़िंदगिया बर्बाद कर रही है।
प्रताड़ित युवक ने कर लिया आत्महत्या
सट्टे के खेल में माहिर इस मास्टर माइंड सटोरी के अपराध जगत के लोगों से भी बड़े अच्छे रिश्ते हैं। जिनके दम पर सट्टा बाज़ार में हारने वाले ग्राहकों से डूबे रकम की वसूली कराई जाती है। सूत्र बताते है की ऐसे रकम का आधा हिस्सा वसूली करता का हो जाता है बाकी का हिस्सा सटोरी का होता है। सूत्रों की माने तो पिछले कई माह से ये सट्टेबाज़ कोतवाली थाना क्षेत्र के ही एक हारे हुए युवक को रूपयों के लिए प्रताड़ित कर रहा था जिससे हारकर उपरोक्त युवक ने विधानसभा चुनाव के दौरान ही आत्महत्या भी कर लिया।