एक सुरीली महफिल: कुछ रूहानी, कुछ रूमानी सी
बिस्मिल की कव्वालियों से गूंजी सेवारामानी परिवार की अंगनाई
वाराणसी(रणभेरी): सुबह-ए- बनारस के हुस्न पर तो सारी दुनिया फिदा है। अलबत्ता बीते सोमवार को बनारस की शाम भी अवध की शाम से जरा भी कम पुरनूर न थी। इस रूपसी साँझ को कव्वाली के सुरों से रच-रच कर सजाया दिल्ली से आये मशहूर कव्वाली साज़ मोहम्मद आसिफ बिस्मिल व उनके साथी कलाकारों शोएब अहमद, आकाश शर्मा, मोहम्मद इरफान, सलमान खान, सुनील दरनाल, नरेंद्र कुमार, सुमित सिंह, संचित अरोरा, तंजील अहमद, मनीष कुमार, इमरान खान, अमन ठाकुर, दीपक वेद, नवेद असलम, विभोर हासीजा तथा वासु सिंगल ने।
अतिथि कलाकारों की यह पेशकश थी सेवारामानी परिवार में चल रहें मांगलिक उत्सव की सुनहरी श्रृंखला की एक कड़ी के रूप में। जिसके तहत मशहूर कव्वालों ने अपनी प्रस्तुतियों से ऐसा समां बांधा की मंत्रमुग्ध श्रोता घंटों कभी रूहानी तो कभी रूमानी एहसास के सैलाब में डूबते-उतराते रहे, सुधी श्रोता तालियों की गड़गड़ाहट तथा वाह-वाह से कलाकारों का हौसला बढ़ाते रहे। बिस्मिल की महफिल नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में मेहमान कलाकारों ने एक के बाद एक प्रस्तुत नग्मों की लड़ी को कभी... असाना तैनू रब लगदा... जैसी प्रस्तुति से श्रोताओं के मन को उस ऊंचाई तक पहुंचाया जहां जाकर इश्क इबादत की शक्ल ले लेता है। तो कभी जज्बातों के उफनते समंदर की उन गहराईयों से रूबरू कराया जहां पहुंचकर खुदा और बन्दे के बीच कोई फर्क नहीं रह जाता। ...ये जो हल्का हल्का सुरूर हैं, काली काली जुल्फे ... जैसे सूफियाना गीतों के अलावा आसिफ ने... तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी जैसी प्रस्तुति से
हुस्नोइश्क के चटख रंगों को नई परिभाषा दी। रॉक बैंड की जादुई सुरताल ने श्रोताओं को सूफी गायिकी के इस नए अंदाज से परिचित कराया। कार्यक्रम के समापन पर सेवारामानी परिवार के चश्मोचिराग अमित सेवारामानी ने कलाकारों को शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत सेवारामानी परिवार के वरिष्ठ सदस्यों केशव दास, दिलीप, ओमप्रकाश, मनोहर लाल व देवानंद सेवारामानी ने किया।
लाली लाली डोलिया में लाली रे दुल्हनिया
नगर के प्रतिष्ठित सेवारामानी परिवार के आंगन में मांगलिक उत्सव की धूम हैं। परिवार की लाडली बिटिया कंचन (पुत्री ओमप्रकश तथा माधुरी सेवारामानी) के हाथों में बेहतर जल्द ही मेहँदी लगने वाली है बस नौ फरवरी के शुभ मुहूर्त का इंतजार जब लाली दुल्हनिया की लाल लाल डोली सजने वाली हैं सौभाग्यवती कंचन की डोली लेने दूल्हे राजा सिद्धांतो (पुत्र सुनील साहा व तूलिका साहा मुखर्जी) अहमदाबाद से बरात लेकर आएंगे। मुबारक रस्म-रिवाजों के साथ होगा पाणिग्रहण और बाबुल के आंगन में बीते पल-छिन बिटिया के आँखों का सपना बन जायेंगे इसके पूर्व आठ फरवरी को मंगनी की रस्म पुराई जाएगी सखियां मंगल गीत गाएंगी विवाह के दिन मंडप में वर-वधू को आशीर्वाद देने आये हीत-मीत का स्वागत करने मौजूद होंगे सेवारामानी परिवार के अभिभावकगण केशव दास सेवारामानी, दिलीप सेवारामानी, ओमप्रकाश सेवारामानी, मनोहर लाल सेवारामानी व देवनन्द सेवारामानी। भईया अमित सेवारामानी हाथ पकड़कर बहन को डोली में बिठाएंगे।