पीडीए की नजर में अतीक है जीवित
प्रयागराज। विकास प्राधिकरण की नजर में माफिया अतीक अहमद अभी तक जीवित है। प्राधिकरण ने अतीक अहमद ने नाम से बकायदा नोटिस जारी कर अवैध निर्माण ध्वस्त करने की चेतावनी दी है। यह भी चेतावनी दी है कि यदि आदेश पर अमल नहीं हुआ तो पीडीए निर्माण को ध्वस्त करा देगा और इसमें आने वाले व्यय को अतीक अहमद से वसूलेगा। विभाग के इस नोटिस को लेकर तरह-तरह की चर्चा चल रही है। पीडीए की भी अजब-गजब कार्यशैली हैरान कर देने वाली है। इस बार एक वर्ष पहले पुलिस कस्टडी में गोलियों से छलनी किए जा चुके माफिया अतीक अहमद को अवैध निर्माण रोकने के लिए पीडीए ने नोटिस जारी किया है। दरअसल, हाईकोर्ट चौराहे पर आंबेडकर प्रतिमा के पास उत्तर की पटरी पर अतीक अहमद के स्वामित्व वाले नजूल भूखंड संख्या 571/2 सिविल स्टेशन नंबर -दो को चार वर्ष पहले पीडीए ने ध्वस्त करा दिया था। अतीक के मारे जाने के बाद उस भूखंड पर एक बार फिर निर्माण शुरू करा दिया गया। बाहर से टिन घेरा लगाकर अंदर काम कराए जाने की शिकायत मिलने के बाद के महीनों बाद पीडीए की तंद्रा टूटी।पीडीए ने मृत अतीक अहमद के नाम से नोटिस जारी कर उसे अवैध निर्माण रोकने और खुद से ध्वस्त करने के लिए आगाह किया है। जोनल अधिकारी की ओर से अतीक के नाम भेजे गए नोटिस में लिखा है, चार वर्ष पहले छह अगस्त 2020 को किए अनधिकृत निर्माण के विरुद्ध कारण बताने और अवैध निर्माण रोकने के लिए कहा गया था, लेकिन आप की ओर से निर्माण बंद नहीं किया गया। ऐसी स्थिति में बंगला नंबर दो पर अवैध निर्माण को स्वयं ध्वस्त कर इस कार्यालय को सूचित करें। पीडीए के जोनल अधिकारी संजीव कुमार उपाध्याय ने नोटिस में कहा है कि बंगला नंबर-दो में अवैध निर्माण तत्काल हटा लें, अन्यथा किसी भी दिन उसे ध्वस्त करा दिया जाएगा। इस ध्वस्तीकरण पर आने वाले सभी आय-व्यय को भू राजस्व बकाये के रूप में आपसे वसूल किया जाएगा। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर इस बंगले में भवन स्वामी के वारिस या अन्य व्यक्ति रह रहे हों तो उसे तत्काल खाली कर दें। वह मकान अतीक अहमद के ही नाम है। ध्वस्तीकरण के बाद वहां फिर से अवैध निर्माण की शिकायत मिली है, ऐसे में भवन स्वामी के नाम से नोटिस जारी करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और अवैध निर्माण को ध्वस्त कराया जाएगा। - संजीव कुमार उपाध्याय, जोनल अधिकारी। मरे हुए माफिया के नाम से नोटिस नहीं जारी किया जा सकता है। इस मामले को देखा जाएगा। अवैध निर्माण की सूचना है। इसपर कार्रवाई की जाएगी।