आंखें बंद कर फर्जी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते हैं नगर निगम के अधिकारी!

आंखें बंद कर फर्जी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते हैं नगर निगम के अधिकारी!

वाराणसी (रणभेरी सं.)। वाराणसी नगर निगम में नामांतरण में फर्जीवाड़े का एक रोचक मामला सामने आया है। डिठोरी महाल स्थित एक मकान हड़पने के लिए हुकुलगंज की महिला कथित भतीजे की फर्जी पत्नी बन गई। फिर उसकी असल पत्नी संग उसके मां-बाप को मृत घोषित करा दिया। सभी के जौनपुर नगर पालिका से फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाए। वरुणापार जोन के कर्मचारियों और कर अधीक्षक ने आंखें मूंदकर सभी फर्जी दस्तावेजों को सही मान लिया और मकान पर जालसाज अपर्णा सिंह का नाम चढ़ा दिया। मकान के संयुक्त हिस्सेदारों में एक विनोद कुमार सिंह की शिकायत पर हुई जांच में जालसाजी उजागर हुई। इस पर नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने वरुणापार जोन के नायब मोहर्रिर कुंवर विक्रम सिंह को सस्पेंड कर दिया है। कर अधीक्षक मुन्नाराम को प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए वेतन पर रोक लगा दी है। साथ ही उनके निलंबन की शासन से संस्तुति की है। वहीं, कूटरचित अभिलेख प्रस्तुत करने पर अपर्णा सिंह पर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है।

जौनपुर नगर पालिका से तीनों के डेथ सर्टिफिकेट बनवाए

प्रमोद कुमार सिंह सरकारी विभाग से रिटायर होकर अभी पेंशन ले रहे हैं। वहीं मनीष सिंह एक नामी कम्पनी में एमडी के पद पर कार्यरत हैं। विनोद कुमार सिंह ने पत्रावली की दोबारा जांच कराने की मांग की। नगर आयुक्त ने जांच कराई। जांच में पाया कि अर्पणा ने फर्जी तरीके से जौनपुर नगर पालिका से तीनों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर लगवाया।

जिंदा होने का प्रमाणपत्र

प्रार्थना पत्र में फर्जी तरीक से प्रमोद कुमार सिंह, उनकी पत्नी राजकुमारी सिंह और उनके पुत्र मनीष कुमार सिंह को मृत दिखाया गया जबकि ये सभी लोग जीवित हैं। मनीष कुमार सिंह एक नामी कम्पनी में एमडी के रूप में नौकरी कर रहे हैं। प्रमोद कुमार सिंह भारतीय स्टेट बैंक से रिटायर हुए हैं। सभी ने अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र दाखिल किया है।

जोनल ने की थी जांच

नगर आयुक्त ने जोनल अधिकारी (वरुणापार) को इस मामले की दोबारा जांच का आदेश दिया था। जांच अधिकारी ने रिपोर्ट दी कि अपर्णा सिंह ने जिस भवन पर दवा किया है, उस पर उदय सिंह, विनोद कुमार सिंह, कृष्णा सिंह, प्रमोद कुमार सिंह का नाम दर्ज है। जांच में पाया गया कि जौनपुर नगर पालिका से अपर्णा ने तीनों का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर प्रस्तुत किया था। अन्य अभिलेख भी फर्जी मिले।