पुलिस मुठभेड़ में 25 हजार का इनामी पशु तस्कर गिरफ्तार, बिहार से बंगाल तक फैला है तस्करों का नेटवर्क

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में बुधवार की भोर में गोमती जोन की पुलिस ने कुख्यात गौ-तस्कर गिरोह के सरगना गोविंद सिंह को मुठभेड़ के बाद दबोच लिया। पुलिस पर फायरिंग कर भाग रहे गोविंद को जवाबी कार्रवाई में गोली लगी और वह घायल होकर गिर पड़ा। सिपाहियों ने दौड़ाकर उसे गिरफ्तार कर अस्पताल भेजा।
गोविंद सिंह पर वाराणसी समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 9 मुकदमे दर्ज हैं। उसके खिलाफ 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। गिरफ्तारी की सूचना पर एडीसीपी गोमती वैभव बांगर मौके पर पहुंचे, फॉरेंसिक टीम से साक्ष्य जुटवाए और कार्रवाई में शामिल पुलिसकर्मियों की सराहना की।
इस तरह हुई मुठभेड़
एडीसीपी ने बताया कि गोविंद सिंह, कैमूर (बिहार) निवासी है और बुधवार भोर उसकी लोकेशन वाराणसी के रामेश्वर क्षेत्र, वरुणा नदी किनारे मिली। सूचना पर बड़ागांव और फूलपुर पुलिस ने घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही आरोपी ने भागने की कोशिश की और फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली उसके पैर में लगी। मौके से पिस्टल और बाइक बरामद हुई है।
अंतरराज्यीय नेटवर्क का सरगना
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि गोविंद सिंह गौ-तस्करी का अंतरराज्यीय नेटवर्क चलाता है। उसका नेटवर्क पूर्वी यूपी से लेकर बिहार और बंगाल तक फैला हुआ है। यूपी के जिलों से गायों को 500–600 रुपये में खरीदना या चोरी करना और बिहार पहुंचाना। बिहार के मेलों में इन्हें ट्रांसपोर्टरों और स्थानीय मददगारों की सहायता से बंगाल भेजना। गोविंद का भाई राजू सिंह भी गौ-तस्कर है, जो फिलहाल जेल में बंद है।
गोविंद ने अपराध की शुरुआत स्पॉटर के रूप में की थी। वह तस्करी की गाड़ियों के आगे चलकर पुलिस नाकों की जानकारी देता था। धीरे-धीरे उसने खुद परिवहन की व्यवस्था संभाली और नेटवर्क खड़ा किया। अब तक कई जिलों से पकड़े गए तस्कर इसी के गैंग से जुड़े पाए गए। पुलिस का कहना है कि गोविंद की गिरफ्तारी से गौ-तस्करी नेटवर्क पर बड़ा असर पड़ेगा और आगे भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी।