मान्यता प्राप्ति को लेकर यूपी कॉलेज के एग्रीकल्चर के छात्रों का धरना

मान्यता प्राप्ति को लेकर यूपी कॉलेज के एग्रीकल्चर के छात्रों का धरना

वाराणसी (रणभेरी): अपने भविष्य को अंधेरे में देख यूपी कॉलेज के एग्रीकल्चर के छात्र-छात्राएं क्लास बन्द कर धरने पर बैठ गए। दरअसल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्  से मान्यता न होने पर यूपी कॉलेज बीएससी एग्रीकल्चर के छात्रों का भविष्य अधर में है। इस बात से चिंतित और परेशान छात्रों ने सोमवार से कक्षाएं बंद कर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। छात्रों का कहना है कि आईसीएआर के नियम के अनुसार जो भी विश्वविद्यालय और कॉलेज उससे मान्यता प्राप्त होगा वही आईसीएआर की परीक्षाओं में बैठ सकता है। आक्रोशित छात्रों ने शुक्रवार को कालेज का गेट बंद करा कर नारेबाजी कर रहे हैं। वहीं शिक्षक प्रदर्शन कर रहे छात्रों को समझाने -बुझाने में जुटे हुए हैं। जबकि छात्र मानने को तैयार नहीं हैं।

इस नियम के बाद जुलाई में छात्रों ने आईसीएआर से मान्यता के लिए प्रदर्शन किया था तब 7 दिन का लिखित समय महाविद्यालय प्रशासन ने मांगा था पर कोई कार्रवाई न होने पर छात्र एक बार फिर धरने पर बैठे हैं। प्रदर्शन कर रहे बीएससी एग्रीकल्चर तृतीय वर्ष की छात्रा का कहना है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के नियम के अनुसार जो भी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय उससे मान्यता हैं उसी के छात्र आईसीएआर संचालित परीक्षाओं में हिस्सा ले पाएंगे। यदि हिस्सा ले भी लेते हैं तो काउंसलिंग के वक़्त इनवैलिड कर दी जायेगी।  ऐसे में हमारा भविष्य अधर में है और हमारा महाविद्यालय प्रशासन इस बात को लेकर सीरियस नहीं है, जबकि ये हमारा अधिकार है। 

यूपी कॉलेज निवर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष कुमार सिंह ने बताया कि ये कोई प्रदर्शन नहीं है। ये हमारे और छात्रों के हक की लड़ाई है। आईसीएआर ने जो मान्यता का नियम बनाया है उससे कोई भी ऐसी संस्था जिसका आईसीएआर से मान्यता नहीं है, वहां के छात्र किसी भी परीक्षा या किसी ऐसी संस्था में इंट्रेंस नहीं दे सकते जो आईसीएआर से मान्यता पा चुकी है।  हमारे यहां के छात्र बीएससी एजी करने के बाद बीएचयू में एडमिशन नहीं ले सकते हैं। ऐसे में कॉलेज प्रशासन को इस बारे में सोचना होगा। उन्होंने साफ किया कि जब तक मान्यता नहीं हो जाती, हम क्लास नहीं चलने देंगे। 

वहीं प्राचार्य डा. एसके सिंह ने स्पष्ट किया कि आइसीएआर संबद्धता व मान्यता प्रदायी संस्था नहीं है। यह संस्था देश में कृषि शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों का मूल्यांकन कर मान्यता प्रदान करती है। सत्र-2015-16 से ही आइसीएआर से एक्रीडिटेशन कराने का प्रावधान लागू है। वहीं जनवरी 2021 से इसे अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सूबे के अधिकांश महाविद्यालय अब तक आइसीएआर से मान्यता नहीं करा सके हैं। यहां तक कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ भी अब तक आइसीएआर से मान्यता नहीं है। कहा कि यूपी कालेज में आइसीएआर के नियमों व पाठ्यक्रमों के अनुरूप ही कृषि संकाय का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि मान्यता की प्रक्रिया वर्ष 2020 से ही चल रही है।