एक क्लिक पर दिखेंगी 5 लाख किताबें
वाराणसी(रणभेरी)। अब पुस्तकालयों के रैक और अलमारी में किताबें ढूंढने में घंटों समय जाया करने की जरूरत नहीं। बस एक क्लिक पर आपकी मनपसंद किताब आपके सामने होगी। यह सब कुछ ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर पर किताबों का ब्योरा ऑनलाइन होने से संभव होगा। ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक पुस्तकों की पहुंच सुलभ कराने के मकसद से प्रदेशभर के पुस्तकालयों की किताबों को ऑनलाइन किया जा रहा है। पुस्तकालयों को एनआईसी से विकसित 'ई-ग्रंथालय' सॉफ्टवेयर पर अपलोड करने के काम को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहले चरण में प्रदेशभर के सरकारी पुस्तकालयों की पांच लाख पुस्तकों को ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन कर एक साथ लॉन्च करने की तैयारी है। चुनाव संपन्न होने के बाद इसकी लॉन्चिंग की जाएगी। वाराणसी जिला पुस्तकालय की 24 हजार पुस्तकों को ऑनलाइन कर दिया गया है।
प्रदेशभर के सरकारी पुस्तकालयों की किताबों का विवरण सॉफ्टवेयर पर अपलोड होने के बाद सरकार उसे एक साथ लॉन्च करेगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि डेढ़ से दो महीने में प्रदेशभर के पुस्तकालयों की पुस्तकों के सॉफ्टवेयर पर अपलोड हो जाने की उम्मीद है। जून-जुलाई तक ई-सॉफ्टवेयर पर अपलोड किताबों को पाठकों के लिए ऑनलाइन कर दिया जाएगा। सॉफ्टवेयर पर पुस्तकों का नाम, लेखक, अलमारी संख्या, रैक संख्या और क्रम का विवरण अपलोड किया जा रहा है। पाठक को सिर्फ किताब का नाम डालते ही लाइब्रेरी में उसकी अलमारी और रैक संख्या का पूरा विवरण स्क्रीन पर आ जाएगा। इससे किताब ढूंढने में समय जाया नहीं करना पड़ेगा। जिला पुस्तकालय की कुल 34 हजार पुस्तकों में से 10 हजार पुस्तकें ग्रामीण पुस्तकालयों को आवंटित कर दी गई हैं। यहां 2500 से अधिक छात्र-छात्राओं की सदस्यता है। इसी तरह अन्य जिलों के पुस्तकालयों में उपलब्ध किताबों का विवरण भी सॉफ्टवेयर पर अपलोड किया जा रहा है