वाराणसी में गंगा अपना रौद्र रूप दिखाने के बाद दो दिन में हुई सामान्य, तटवर्ती इलाकों में छोड़ती जा रहीं दुश्‍वारियां

वाराणसी में गंगा अपना रौद्र रूप दिखाने के बाद दो दिन में हुई सामान्य, तटवर्ती इलाकों में छोड़ती जा रहीं दुश्‍वारियां

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में मां गंगा अपना रौद्र रूप दिखाने के बाद दो दिन से सामान्य होने लगी हैं। जलस्‍तर लगातार कम हो रहा है, नदी का जलस्‍तर लगातार कम होने के बीच अब तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का स्‍तर घटते ही गाद और कीचड़ की अधिकता हो रही है। इसकी वजह से बदबू और कचरे की एक खेप तटवर्ती इलाकों में बदबू और आवाजाही में बाधा का दौर भी लोगों को दुश्‍वारी दे रहा है। दूसरी ओर बाढ़ के बाद तटवर्ती इलाकों में घरों के गिरने और नमी से चटकने और बाढ़ से आई नमी की वजह से घरों के विकृत होने का सिलसिला शुरू हो गया है।

गंगा द्वारा बहाकर लाई गई जलकुंभी, कचरा और गाद काफी मात्रा में जमा हाे रहे हैं। वहीं, मच्छरों वाले रोगों का खतरा भी बढ़ रहा है।ग्रामीण इलाकों में गंगा किनारे कई किसानों के खेतों में कटान तेजी से हो रहा, तो किसी के धान की फसल गंगाजल से मग्न हो गई है।लोगों का कहना है, ''जब तक पानी पूरी तरह से घाटों और बस्तियों को छोड़ नहीं देता, तब तक साफ-सफाई भी कराना मुश्किल है। ''अस्सी घाट की गंगा आरती गलियाें में हो रही है। मणिकर्णिंका और हरिश्चंद्र घाट के शवदाह स्थल अब गलियों और छतों पर शिफ्ट हो गए हैं। बोट राइडिंग और क्रूज के संचालन पर रोक लगा दिया गया है।

गंगा का पानी बाढ़ के वार्निंग लेवल से अब 106 सेंटीमीटर दूर हैं। कल यह 55 से लेकर 71 मीटर तक था। वहीं, खतरे के निशान से गंगा 2 मीटर 6 सेंटीमीटर नीचे हैं। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, आज सुबह 7 बजे तक गंगा का वाटर लेवल 69.20 मीटर है, जबकि कल सुबह 69.74 मीटर तक था। कल के मुकाबले गंगा के जलस्तर में 52 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई है।