"द काशी जर्नल ऑफ कॉमर्स" के नए संस्करण का विमोचन 

"द काशी जर्नल ऑफ कॉमर्स" के नए संस्करण का विमोचन 

वाराणसी (रणभेरी)। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के वाणिज्य विभाग में "द काशी जर्नल ऑफ कॉमर्स" रिसर्च जर्नल के नए संस्करण का विमोचन किया गया। साथ ही इस जर्नल के ऑनलाइन मोड का कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने बटन दबाकर शुभारंभ किया। 
प्रो. त्यागी ने कहा कि काशी विद्यापीठ के इतिहास में पहली बार रिसर्च जर्नल के ऑनलाइन होने पर बहुत ही प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। इससे इस जर्नल का क्षेत्र वृहद हो सकेगा तथा जर्नल और अधिक एक्सेसिबल एवं एक्सेप्टेबल बन सकेगा। प्रो. त्यागी ने कहा कि जर्नल के ऑनलाइन होने से शोधार्थियों को लाभ होगा। इससे गुणवत्तापूर्ण नवीनतम उभरते विषयों पर शोध-पत्रों का प्रकाशन भी संभव हो सकेगा। उन्होंने ने कहा कि आज डिजिटलाइजेशन के दौर में आर्थिक क्रियाकलापों के क्षेत्र में उभरते विभिन्न विषयों पर शोध करने की अत्यंत आवश्यकता है। वाणिज्य के क्षेत्र में विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, डिजिटल करेंसी, ईबैंकिंग, साइबर सिक्योरिटी, वर्चुअल अकाउंटिंग सिस्टम, डिजिटल मार्केटिंग, कंप्यूटराइज्ड अकाउंटिंग, ईरिटेलिंग, टूरिज्म एंड ट्रेवल सेक्टर, फाइनेंशियल सेक्टर, मार्केटिंग स्ट्रेटजी, ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट, टैक्सेशन, मौद्रिक नीति, राजकोषीय नीति के क्षेत्र में अनुसंधान करने पर जोर दिया। उन्होंने शोधार्थियों से कहा कि वाणिज्य के क्षेत्र में नवोन्मेषी व वित्तीय समावेशन विषयों पर अपना ध्यान केंद्रित करें । इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।स्वागत व्याख्यान संकायाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार मिश्र ने किया। वर्ष 2004 से प्रकाशित इस जर्नल की ऐतिहासिक यात्रा एवं ऑनलाइन जर्नल के माध्यम से विशिष्ट जानकारी प्राप्त करने में उल्लेखनीय योगदान की भूमिका पर विभागाध्यक्ष प्रो. अजीत कुमार शुक्ल ने प्रकाश डाला। संचालन जर्नल के असिस्टेंट एडिटर डॉ. आयुष कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन जर्नल के एडिटर प्रो. सुधीर कुमार शुक्ल ने किया। इस अवसर पर प्रो. कृष्ण कुमार अग्रवाल, प्रो. कृपा शंकर जायसवाल , डॉ. धनंजय विश्वकर्मा सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, अध्यापकगण, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।