शहर में कम नहीं हो रहा बंदरों का उत्पात
वाराणसी(रणभेरी)। शहर में बंदरों का उत्पात कम नहीं हो रहा है। पिछले दिनों नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी रहे डॉ. अजय प्रताप सिंह ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया था। कहा था मथुरा से बंदरों को पकड़ने वाली टीम आ रही है, लेकिन दो माह बीतने के बाद भी टीम नहीं पहुंची। इस बीच बंदरों का उत्पात और बढ़ गया है। इन बंदरों के चलते अक्सर लोगों को दौड़ा लेना, कपड़ों और सामानों को उठा ले जाने की घटना सामने आती रहती है। कई बार बंदर लोगों की मौत के कारण भी बने हैं। बंदरों के उत्पात ने दशाश्वमेध के पास शकरकंद गली में मजदूर की जान ले ली थी। कुछ दिनों पहले सिद्धगिरीबाग में एक बच्ची स्कूल जा रही थी। बंदरों की उछलकूद से ईंट उसके सिर पर आ गिरी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस प्रकार की कई घटनाएं होने के बाद भी अब तक कुछ नहीं हुआ है। अस्पताल में भी बंदरों को काटने के मामले आ रहे हैं। बीते एक माह में 40 से अधिक बंदरों के काटने के मामले आए हैं। इन्हें रैबीज की सुई लगाई जा रही है। पिछले दिनों अस्सी क्षेत्र के पार्षद राजेश चल्लू ने पशु चिकित्साधिकारी को फोन कर बताया कि बंदरों ने उन्हें पंजा मारा है। चौक, लक्सा के पार्षदों ने भी बंदरों के काटने की बात कही थी। सदन में मामला उठा तो पशु चिकित्साधिकारी ने आश्वासन दिया। लेकिन उसे अमलीजामा नहींं पहना सके। इन सब शिकायतों को देखते हुए पशु चिकित्साधिकारी को उनके मूल विभाग में भेज दिया गया है। अभी यहां पशु चिकित्सा का पद रिक्त है। फिलहाल डॉ. शशांक पांडेय पशु चिकित्साधिकारी का काम देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।