मां ने इकलौते बेटे को नहाने से रोका ... आकाश अब लौटकर नहीं आएगा

मां ने इकलौते बेटे को नहाने से रोका ... आकाश अब लौटकर नहीं आएगा

गोरखपुर। मृतक दिव्यांशु दो भाइयों में छोटा था। बड़ा भाई प्रियांशु सिंह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। पिता नन्हे सिंह खेती करते हैं। प्रियांशु पूर्व विधायक देवनारायन उर्फ जीएम सिंह का भतीजा भी था। शव घर पर पहुंचते ही परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे। मां बोली, अब उनके पास कुछ नहीं बचा। कितनी बार समझाया था कि नदी की तरफ मत जाना, लेकिन उसकी जान चली गई। सहजनवां इलाके में तीन युवकों की मौत से मातम छाया है। होली से चंद दिन पहले ही हुए इस हादसे से गांव-आसपास के लोग, जिसने भी घटना को सुना, सबकी आंखें नम हो गई। गर्मी आते ही बच्चों की गलती पर सब पछता रहे हैं। तीनों में से किसी को भी तैरना ठीक से नहीं आता था, फिर भी नदी में नहाने की गलती कर जान गंवा बैठे। सबसे बुरा हाल वार्ड नंबर पांच सहबाजगंज निवासी आकाश उर्फ शिवम पासवान के घर का है। मां-बाप के इकलौते बेटे की मौत से मां बदहवास हो गई हैं तो कठोर मन से पिता जयनाथ पासवान किसी तरह से पत्नी, बेटी को संभाल रहे हैं। पछतावा है कि बेटे ने बात क्यों नहीं मानी। बहन प्रीति बताती है कि मां ने उसे नदी की ओर जाने से मना किया तो उसने दोस्त के घर जाने की बात कहकर निकल गया। वहीं, मौजूद गांव वाले नियती का फैसला बताकर उन्हें किसी तरह शांत करा रहे हैं। बदहवास हो रही मां को किसी तरह से पानी का छींटा डालकर होश में लाया गया। तीनों ने एक साथ ही हाईस्कूल की परीक्षा दी थी। आकाश की बहन प्रीति इंटरमीडिएट में पढ़ती है। पिता जयनाथ पासवान गीडा के एक फैक्ट्री में काम करते हैं। मौत की खबर पाते ही वह काम से जल्दी से घाट पर पहुंच गए। घाट किनारे सभी को आभास हो गया था कि अब डूबे युवकों का बच के निकलना मुश्किल है, लेकिन फिर भी मन को संतोष दिला रहे थे। कोई भगवान से मन्नत कर रहा था कि बच्चा बच जाए तो कोई खुद को दिलासा देने के लिए बोल रहा था कि हो सकता है कि किसी ने बचा लिया हो और डर की वजह से बच्चे सामने नहीं आ रहे हैं। सांत्वना और खुद को समझाने के बीच ढाई घंटे का समय बीत गया और जैसे ही एक एक कर शव बाहर निकाले गए, मौजूद सभी परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे। जयनाथ तो एकदम से दौड़ पड़े। वह खुद ही इस कदर से बदहवास हो गए थे कि लोग सब कुछ छोड़कर उन्हें संभालने लगे। किसी तरह से समझा कर उन्हें बैठाया गया, पानी पिलाया गया। फिर परिजनों को समझाने की जिम्मेदारी की याद दिलाई गई। इसके बाद सभी परिजन पुलिस से आग्रह करने लगे कि वह बच्चों का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते हैं। पुलिस अफसरों ने भी उनकी भावनाओं को समझते हुए पंचनामा भरकर सुपुर्द कर दिया। मृतक दिव्यांशु दो भाइयों में छोटा था। बड़ा भाई प्रियांशु सिंह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। पिता नन्हे सिंह खेती करते हैं। प्रियांशु पूर्व विधायक देवनारायन उर्फ जीएम सिंह का भतीजा भी था। शव घर पर पहुंचते ही परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे। मां बोली, अब उनके पास कुछ नहीं बचा। कितनी बार समझाया था कि नदी की तरफ मत जाना, लेकिन उसकी जान चली गई।

भाई-बहन में सबसे छोटा था आर्यन
आर्यन शर्मा दो भाई और एक बहन में सबसे छोटा था। पिता जूट मिल में काम करते हैं तो भाई विशाल बंगलूरू की प्राइवेट फर्म में नौकरी करता है। बहन दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। अभी बहन को घटना की जानकारी नहीं दी गई है, वह होली में घर आने वाली थी, उसे हादसा बताकर घर बुलाया गया है।