काशी से प्रयागराज तक क्रूज से कर सकेंगे यात्रा, धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
वाराणसी (रणभेरी): धर्म की नगरी काशी और तीर्थराज प्रयाग के बीच जुलाई महीने से क्रूज सेवा शुरू हो जाएगी। जुलाई से वाराणसी और प्रयागराज के बीच आप क्रूज का आनंद उठा सकेंगे। इसको लेकर तैयारी की जा रही हैं, जुलाई से ये सुविधा शुरू हो जाएगी। इस रूट पर क्रूज सेवा शुरू करने को लेकर सर्वे का काम पूरा कर लिया गया हैं। वहीं जलमार्ग प्राधिकरण के द्वारा प्रयागराज और वाराणसी के बीच के सभी पर्यटक स्थलों को जोड़ते हुए नया रूट तैयार किया जा रहा हैं। साथ ही साथ सभी धार्मिक स्थानों की यात्रा कर सकेंगे। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिये इस यात्रा का संचालन किया जायेगा। इसमें कई जगहों पर जल परिवहन की बाधाओं को चिह्नित किया गया है। इसके साथ ही चुनार, विंध्याचल, सीतामढ़ी सहित पर्यटन स्थलों पर जेटी का निर्माण भी कराया जाएगा। इस प्रयोग के सफल होने के बाद जलमार्ग प्राधिकरण क्रूज सेवाओं में बढ़ोतरी भी करेगा।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयागराज और वाराणसी के बीच के सभी पर्यटक स्थलों को जोड़ते हुए जलमार्ग प्राधिकरण नया रूट तैयार करने में जुटा है। सुबह से लेकर शाम तक में पूरी होने वाली एक तरफ की यात्रा को पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के जरिये संचालित करने की योजना है।
इसके लिए कई निजी कंपनियों ने प्राधिकरण से रूचि भी दिखाई है। इसमें निजी कंपनी के चयन के बाद किराया और अन्य सुविधाओं पर निर्णय लिया जाएगा। इसमें वाराणसी से चुनार, विंध्याचल, सीतामढ़ी और प्रयागराज में जेटी का निर्माण कर यहां ठहराव की व्यवस्था की जाएगी। इन स्थानों पर पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए जलमार्ग प्राधिकरण स्थानीय प्रशासन से अपनी कार्ययोजना साझा करेगा। विलास क्रूज के जरिये दुनिया के सबसे लंबे नदी मार्ग से वाराणसी का जुड़ाव किया गया है। प्रयागराज तक क्रूज संचालन के जरिये वाराणसी को केंद्र के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है।भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक एलके रजक ने कहा कि वाराणसी से प्रयागराज के बीच क्रूज संचालन के लिए सर्वे कराया गया है और जुलाई में इसे शुरू करने की तैयारी है। हमारा ट्रायल सफल रहा तो इस रूट पर जलयान की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही मालवाहक जलयान के संचालन की भी योजना है।