7 याचिकाओं में पहले किस पर होगी सुनवाई, फैसला आज
वाराणसी (रणभेरी): ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले में वाराणसी जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में पहली सुनवाई सोमवार को हुई। मुकदमे की किस अपील पर पहले सुनवाई हो इसके लिए वाराणसी जिला जज की अदालत मंगलवार को यह फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट से उसे ट्रांसफर की गई याचिकाओं में सबसे पहले किस पर सुनवाई होगी।
इसके निर्धारण के लिए जिला जज ने 24 मई यानी मंगलवार की तिथि तय की है। मंदिर पक्ष ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की रिपोर्ट की नकल की मांग की। अदालत की कार्यवाही तय समय दोपहर दो बजे शुरू हुई। इस दौरान वादी, प्रतिवादी पक्ष के साथ प्रशासन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता मौजूद रहे। प्रतिवादी पक्ष के वकील अभयनाथ यादव और मुमताज अहमद ने अदालत से गुहार लगाई कि सबसे पहले मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई की जाए। अपनी दलील में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि प्राथमिकता के आधार पर मुकदमे की पोषणीयता पर पहले सुनवाई की जाए।
वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद में जिस शिवलिंग के मिलने का दावा किया गया है, उसकी पूजा की अनुमति मांगने के लिए एक नई याचिका कोर्ट में दाखिल हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने आदेश में ज्ञानवापी मामले को वाराणसी सिविल जज (सीनियर डिविजन) की कोर्ट से जिला जज की कोर्ट में भेजने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि मामले की जटिलता को देखते हुए वरिष्ठ और अनुभवी जज द्वारा सुनवाई की जानी चाहिए।
इस पर वादी पक्ष के वकील विष्णु जैन व सुधीर त्रिपाठी ने आपत्ति करते हुए कमीशन रिपोर्ट पर पहले सुनवाई की अपील की। कहा कि तहखाने की दीवार हटा कर शेष स्थानों का सर्वे कराने के लिए दाखिल प्रार्थना पत्र का अभी तक निस्तारण नहीं हुआ है। कमीशन रिपोर्ट पर आपत्ति के लिए 23 मई की तिथि तय है, इसलिए इसकी नकल उपलब्ध कराते हुए पहले इस पर ही सुनवाई की जाए। वादी पक्ष का यह भी कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई पहले करने का निर्देश नहीं, बल्कि सुझाव दिया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत की। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद जिला जज ने मुकदमे की पत्रावली का अवलोकन करने के बाद सुनवाई की अगली तिथि 24 मई तय की