अगर कांग्रेस न होती तो क्या होता- पीएम मोदी

अगर कांग्रेस न होती तो क्या होता- पीएम मोदी
  • ना लगता इमरजेंसी का कलंक, ना होता सिखों का नरसंहार, लोकतंत्र होती परिवारवाद से मुक्त

(रणभेरी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। इस दौरान पहले उन्होंने अपने भाषण में कांग्रेस पर जमकर निशाने साधे। साथ ही पीएम मोदी ने गोवा की स्वतंत्रता को लेकर पंडित जवाहर लाल नेहरु को घेर लिया। उन्होंने कहा कि अगर सरदार पटेल की तरह ही कोई रणनीति बनाने वाला नेता होता, तो गोवा की आजादी में इतना लंबा समय नहीं लगता। लेकिन कुछ नेताओं को अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि की चिंता थी, इसलिए उन्होंने गोवा में फौज भेजने से साफ इनकार कर दिया था।

पीएम बोले 'अगर सरदार पटेल से प्रेरणा लेकर गोवा की आजादी की रणनीति बनती तो वहां के लोगों को 15 साल तक गुलाम नहीं रहना पड़ता।' प्रधानमंत्री जब ये बात कह रहे थे उस वक्त कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया था। इसलिए उन्होंने गोवा के जिक्र की शुरुआत करते हुए कहा कि हमारे कांग्रेस के मित्र जहां भी होंगे जरूर सुन रहे होंगे। गोवा के लोग जरूर सुन रहे होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सरदार पटेल ने हैदराबाद के लिए रणनीति बनाई, जिस प्रकार उन्होंने जूनागढ़ के लिए रणनीति बनाई। अगर उनसे प्रेरणा लेकर गोवा के लिए भी वैसी ही रणनीति बनाई होती तो गोवा को हिन्दुस्तान की आजादी के 15 साल बाद तक गुलाम नहीं रहना पड़ता।

पीएम ने पंडित जवहार लाल नेहरू का एक भाषण कोट करते हुए कहा, 'नेहरू जी ने 15 अगस्त 1955 को लाल किले से कहा था, कोई धोखे में ना रहे कि हम वहां फौजी कार्रवाई करेंगे। कोई फौज गोवा के आसपास नहीं है। अंदर के लोग चाहते हैं कि वो शोर मचाकर ऐसे हालात पैदा करें कि हम मजबूर हो जाएं फौज भेजने के लिए, हम फौज नहीं भेजेंगे, हम शांति से सब तय करेंगे। इस बात को सब लोग समझ लें। 'प्रधानमंत्री ने नेहरू के भाषण को कोट करते हुए कहा कि पंडित नेहरू ने लोहिया जी समेत सभी सत्याग्रहियों के लिए कहा था,  'जो लोग वहां जा रहे हैं, उनको वहां जाना मुबारक हो, लेकिन ये भी याद रखें कि अपने को सत्याग्रही कहते हैं तो सत्याग्रह से उसूल, सिद्धांत और रास्ते भी याद रखें। सत्याग्रह के पीछे फौजें नहीं चलतीं।'