वाराणसी: स्वामी सहजानन्द सरस्वती पुण्यतिथि पर याद किए गए, दी गई श्रद्धांजलि

 वाराणसी: स्वामी सहजानन्द सरस्वती पुण्यतिथि पर याद किए गए, दी गई श्रद्धांजलि

वाराणसी सिटी किसान अन्दोलन के जनक स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 74वीं पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर मंगलवार को गोष्ठी का आयोजन किया गया। आराजी लाइन विकासखंड क्षेत्र के मोहनसराय जगरदेवपुर में उन्हें श्रद्धाजलि दी गई। स्वामी सहजानन्द सरस्वती विचार मंच के राष्ट्रीय संयोजक विनय शंकर राय "मुन्ना" के नेतृत्व में ग्रामीणों ने उन्हें नमन किया। उनके चित्र पर पुष्पाजली अर्पित कर उनके कृतित्व को याद किया। पुण्यतिथि पर बैरवन मोहनसराय में सायं 05 बजे से डीह बाबा मैदान में बृहद किसान अधिकार संवाद एवं सम्मान समारोह आयोजन का निर्णय लिया गया।

इस दौरान विनय शंकर राय "मुन्ना" ने कहा कि सहजानन्द सरस्वती वन्दे अन्नदातारम् का नारा देकर किसान को धरती का साक्षात भगवान मानते थे। किसान हितों के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले किसान अन्दोलन के जनक स्वामी सहजानन्द आज भी प्रासंगिक है। स्वामी जी के मूल सिद्धांत अधिकार के प्रति जागरूक होकर पीड़ित किसान को अपने हक अधिकार की रक्षा के लिए स्वतः तैयार होना होगा। उन्होंने कहा कि स्वामी सहजानन्द का जन्म गाजीपुर जिले के देवा गाँव में महाशिवरात्री के दिन सन 1889 में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था।

महात्मा गाँधी का विरोध कर स्वामी सहजानन्द ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ाने और उन्हे जितवाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था। स्वामी जी बिहार के बक्सर होते हुये पटना आये और बिहटा मे सीताराम आश्रम मे रहने लगे । 1929 में किसान महासभा का गठन किए और किसानों को हक अधिकार दिलवाने के लिए किसानों को लामबन्द कर आजीवन संघर्ष किये । गोष्ठी में नीरज सिंह, उदय पटेल, शिव गौड़, अमलेश पटेल, प्रेम शाह, दिनेश तिवारी, हृदय नारायण उपाध्याय, रमेश पटेल, धीरू यादव आदि भी शामिल रहे।