भेड़ियों के आतंक ने उड़ाई ग्रामीणों की नींद

भेड़ियों के आतंक ने उड़ाई ग्रामीणों की नींद

वाराणसी (रणभेरी सं.)। बहराइच में भेड़ियों के आतंक के बीच वाराणसी में जंगली जानवरों ने ग्रामीणों को डरा दिया है। मिजार्मुराद इलाके में भेड़िए के डर से ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। पिछले 24 घंटे में बंशीपुर, राजपुर, भीखीपुर और प्रतापपुर गांव में दहशत का माहौल है। मिजार्मुराद के किसानों ने गांव में एक नहीं बल्कि तीन भेड़िए देखे हैं, जो टॉर्च की रोशनी पर भाग निकले। इन गांवों में मंगलवार की रात ग्रामीणों ने पहरा दिया। कोई किसान खेत पर नहीं गया और महिलाएं बच्चों को लेकर छत पर रहीं। जिनके घर छत नहीं थी, उन्होंने पड़ोसियों की छत पर शरण ली। उधर, वन विभाग और प्रशासन भेड़िए की मौजूदगी से इनकार कर रहा है। लेकिन, ग्रामीणों को अपनी आंखों पर भरोसा है। उनका दावा है कि दो लोगों पर हमला और बकरी को खाने वाला सियार नहीं बल्कि खूंखार भेड़िया है।
मंगलवार को प्रशासन को सूचना मिली कि मिजार्मुराद इलाके में जंगली जानवरों ने मवेशियों पर हमला बोल दिया। मवेशी को बचाने गए युवक पर भी जानवरों ने हमला कर घायल कर दिया, घायल युवक की चीख पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने लाठी डंडों से जानवरों को खदेड़ दिया। जानवरों को लेकर ग्रामीणों और घायल युवक ने भेड़िया होने का दावा किया।

बंशीपुर गांव के कैलाश यादव के घर के बाहर बंधी भैंस पर जंगली जानवर ने हमला कर दिया। पशुपालक नितेश यादव लाठी लेकर मौके पर पहुंचे, लेकिन भेड़िए ने हमलाकर पंजा मार दिया। चीख-पुकार सुनकर घर की महिलाएं भी बाहर आईं, लेकिन भेड़िए ने उन्हें भी दौड़ा लिया। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के साथ मिलकर भेड़िए की तलाश करती रही। हालांकि, अभी जानवर के बारे में जानकारी नहीं हो सकी।
भेड़िए की दहशत के बीच गांव का माहौल: गांवों में भेड़ियों की दहशत है और काली रात में भेडिए का डर अधिक नजर आया। सन्नाटे को चीरती जागते रहो और हम तैयार हैं कि आवाज हर किसी के कानों तक पहुंचती रही। पहरे की आवाज और गांवों में घुप्प अंधेरा के बीच सियार और कुत्तों की आवाज हर किसी को अलर्ट कर रही थी। बंशीपुर, राजपुर, भीखीपुर और प्रतापपुर गांव ही नहीं आसपास के कई गांव का यही हाल है, 

भेड़ियों के हमलों से भयभीत गांवों के किसान आज रात फसल की रखवाली करने खेतों पर भी नहीं गए। किसानों की माने तो भेड़िए से सुरक्षा के लिए रखवाली जरूरी है, पत्नी व बच्चों को छत पर सुलाया गया। बकरी, भेड़ और छोटे मवेशी अंदर बांध दिए गए हैं। गांव में ऊंचाई पर खड़े होकर हर कोई सतर्क है और पहरा दे रहा है। भेड़िया रात में ही हमला करता है जबकि दिन में खतरा कम रहता है। ग्रामीणों के अनुसार जब से भेड़िए के हमले की बात सामने आई है, तब से उनकी रात की नींद उड़ गई है। रात भर जागकर सभी लाठी डंडे के साथ गांव में पहरा दे रहे है। वही भेड़िया या अन्य जानवरों की आहट मात्र से ही लोगो में भय का माहौल व्याप्त हो रहा है। बंशीपुर के ग्राम प्रधान ने प्रशासन से भेड़ियों को पकड़ने की गुहार लगाई है।

वन विभाग ने चलाया सर्च आॅपरेशन: वाराणसी में भेड़ियों के हमले की सूचना पट वन विभाग की टीम एक्टिव हो गई है। वन विभाग के रेंजर राजकुमार गौतम की अगुवाई में सर्च आॅपरेशन चलाया लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं मिला। खेत खलिहान से लेकर गांव के बाहर भी वन विभाग की टीम ने सर्च आॅपरेशन चलाकर ग्रामीणों पर हमला करने वाले जानवर की तलाश में जुट गई है।
 इसके बाद प्रशासन ने भेड़िए के होने का दावा नकार दिया है लेकिन किसान इसे मानने को तैयार नहीं। वन विभाग के रेंजर के अनुसार फिलहाल गांव में भेड़ियों के होने का कोई ठोस आधार नही मिला है, लेकिन भेड़िया होने इसकी जांच की जा रही है। बता दें कि प्राथमिक सर्च आॅपरेशन में भेड़ियों का कोई सुराग अधिकारियों को तो नही मिला है। ग्रामीणों से बात करने के बाद वह इस बात से इंकार भी नही कर रहे हैं। वन विभाग की टीम ग्रामीणों को एक साथ रहने और छोटे बच्चो को अकेले ना छोड़ने की सलाह दी है।