बदला आरती का स्थल, लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
कई घाटों का आपसी संपर्क टूटा, कई घाटों पर गंगा आरती का बदला स्थल
वाराणसी (रणभेरी): पहाड़ों पर हो रही बरसात से गंगा में पिछले कई दिनों से बढ़ाव जारी है। गंगा के जलस्तर बढ़ने से वाराणसी में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा हैं। बीते 10 दिनों में गंगा का जलस्तर 2 मीटर तक ऊपर चढ़ गया है। वाराणसी में गंगा की चौड़ाई जून महीने के मुकाबले दोगुनी हो गई है। साथ ही दशाश्वमेध, तुलसी और मणिकर्णिका समेत कई घाटों की 10-12 सीढ़ियां जलस्तर बढ़ने से डूब गई हैं। इसकी वजह से वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली सुप्रसिद्ध गंगा आरती का स्थान बदल दिया गया है।हर दिन घाटों का संपर्क टूटता जा रहा है। मंगलवार को दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट सहित कई घाटों का आपस में संपर्क टूट गया।
- तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही गंगा
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा के जलस्तर में लगभग तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव दर्ज किया गया है। जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि मंगलवार की शाम को दशाश्वमेध घाट और शीतला घाट की गंगा आरती स्थल को बदलना पड़ा। जलस्तर बढ़ने के बाद भी काफी संख्या में लोग गंगा आरती में शामिल हुए। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि गंगा आरती का स्थान परिवर्तित किया गया है। उन्होंने बताया कि अब जैसे-जैसे गंगा का जलस्तर बढ़ेगा, वैसे-वैसे स्थान बदलता जाएगा। इसके अलावा गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाटों का आपसी संपर्क भी टूट गया है।
- जल्द बदल सकती है महाश्मशान की राह
मंगलवार की रात दशाश्वमेधघाट पर गंगा आरती स्?थल में बदलाव के बाद अब महाश्?मशान की राह भी अब जल्द ही बदलने वाली है। बाबा दरबार आने वाले गंगा घाट पर जा रहे हैं लेकिन आस्था के सावन के बीच गंगा का जलस्तर बढ़ने के बीच दुश्?वारियों ने सिर उठाया है। तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की स्थिति होने से लोगों में चिंता बढ़ रही है। दरअसल प्रतिवर्ष गंगा में बाढ़ की वजह से हरिश्चंद घाट के अलावा मणिकर्णिका घाट पर भी चिताओं के घाट के ऊपर या छत पर जलाने की परंपरा शुरू हो जाती है। शवों की कतार अधिक रही तो गलियों में भी चिताएं सजने लगती हैं। वाराणसी में अब गंगा का जलस्?तर बढ़ने की वजह से सभ प्रमुख घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है तो दूसरी ओर गंगा का वेग और बढ़ा तो जल्द ही गंगा में नौका संचालन पर भी रोक लगाने की तैयारी है। फिलहाल गंगा में रात में नौका विहार पर ही अभी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। अगर जलस्तर लगातार ऐसे ही बढ़ता रहा तो बाढ़ की सूरत बनते ही गंगा में नौका संचालन रोक दिया जाएगा। केंद्रीय जल आयोग द्वारा राजघाट से प्राप्?त आंकड़ों के अनुसार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 63.8 मीटर था। गंगा का जलस्?तर 70.262 मीटर पर चेतावनी और 71.262 खतरा बिंदु है। बीते चौबीस घंटों में 3.4 मिमी तक बारिश दर्ज की गई है तो दूसरी ओर 30 मिमी प्रति घंटे की गति से गंगा में जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा में बढ़ाव का रुख होने की वजह से अब प्रतिदिन करीब एक सीढ़ी तक घाट पर पानी चढ़ने लगा है। ऐसे में गंगा का जलस्तर अब दिन प्रतिदिन चुनौती देने लगा है। माना जा रहा है कि अगस्?त के पहले पखवारे तक गंगा का रुख और भी तल्?ख हो जाएगा।
- बोटिंग करने वालों पर पुलिस की नजर
गंगा घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं और बोटिंग करने वालों पर पुलिस द्वारा कड़ी नजर रखी जा रही है। शाम 6 बजे के बाद बोटिंग करने वालों को हटाया जा रहा है। दशाश्वमेध घाट की आरती कराने वाले गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि इस साल पहली बार आरती स्थल में बदलाव हुआ है। जैसे-जैसे जलस्तर बढ़ेगा, वैसे-वैसे आरती के स्थान को ऊपर किया जाएगा। आरती स्थल बदलने के बावजूद हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े।