बलुआघाट के बोतल से निकला भ्रष्टाचार का जिन्न 

 बलुआघाट के बोतल से निकला भ्रष्टाचार का जिन्न 
  •  डर के मारे पास नहीं जा रहे हैं लोग, अफसर बचने का खोज रहे रास्ता, उठ रहा सवाल

वाराणसी (रणभेरी सं.)। रामनगर बलुआघाट पर भ्रष्टाचार का जिन्न  बाहर निकलने के साथ मौत का घाट बन गया है। 10.50 करोड़ रुपये से 132 मीटर लंबा बना पक्का घाट में भ्रष्टाचार का जिन इस कदर समाया है कि उसे अब चाहकर भी दूर नहीं किया जा सकता है।

 12 सितंबर को गजीबो (मंडपनुमा संरचना) का गुंबद गिरने से एक मजदूर की मौत होने के तीसरे दिन बारिश के पानी में डूब गया था। मंगलवार को बारिश का पानी कम होने के साथ गजीबो का बचा पिलर अचानक जमींदोज हो गया। यह देख दूर बैठे लोग हैरान हो गए। बता दें कि, 12 सितंबर को रामनगर किले की तरफ बलुआघाट के निर्माण में बन रहा गुंबद अचानक भरभराकर कर गिर गई थी जिसमें दबकर वहां बैठे मजदूर की मौत हो गई थी। मृत व्यक्ति मजदूर मेवालाल (57) निवासी अलीनगर, चंदौली के रूप में हुई थी। सीएम योगी वाराणसी आए तो घटना पर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया। 
डीएम ने सीएम को बताया कि एडीएम सिटी की टीम को जांच सौंपी गई है और रिपोर्ट अब आ गई है। यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक संतोष सिंह ने अवर अभियंता रेनू जायसवाल और सहायक प्रोजेक्ट मैनेजर दिलीप कुमार को सस्पेंड करते हुए महाप्रबंधक जोन-1 प्रयागराज कार्यालय से संबद्ध कर दिया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद डीएम ने जांच रिपोर्ट को पढ़ा तो कई अधिकारी लापरवाह नजर आए। पर्यटन विकास के काम क्षतिग्रस्त स्ट्रक्चर मामले में दोषी ठेकेदार, फर्म एवं अभियंता प्रथम दृष्टया दोषी मिले, जिनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा।

 जांच रिपोर्ट से प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट रहा है कि कार्य स्थल पर निर्मित छतरी अकुशल कारीगरी के कारण स्टेबल नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि छत में प्रयुक्त पत्थरों को जोड़ने में प्रयुक्त एडेसिव/फिलर मटेरियल लगाने का कार्य (वर्कमैनशिप) सन्तोषजनक नहीं पाया गया। पत्थरों को जोड़ने हेतु पत्थरों मे गूव उपयुक्त नही मिला और पत्थरों को जोड़ने हेतु कैंप का प्रयोग भी नहीं पाया गया।