काशी में तीन दिवसीय जी-20 सम्मेलन शुरू हुई पहली बैठक, कृषि विकास पर मंथन कर रहे दुनिया भर के वैज्ञानिक
वाराणसी (रणभेरी): G-20 समिट की काशी में 100वीं बैठक का आगाज हो गया है। भारत की अध्यक्षता में हो रही आज से 19 अप्रैल तक चलने वाले जी-20 सम्मेलन में कृषि, कृषि शिक्षा, अनुसंधान आदि मुद्दों पर सभी देशों के कृषि वैज्ञानिक मंथन करेंगे। नदेसर स्थित तारांकित होटल में सुबह नौ बजे केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। भारत यहां पर अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया समेत 19 देशों और 34 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के डेलीगेट्स के सामने 'महर्षि MAHARISHI’ (Millets And Other Ancient Grains International Research Initiative ) प्रपोजल प्रस्तुत करेगा।
वाराणसी में छह बैठकें प्रस्तावित हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों से जी-20 सम्मेलन (G-20 Summit Varanasi) इस वर्ष भारत में हो रहा है। सम्मेलन से पहले होने वाली बैठकों में एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक आज वाराणसी में शुरू हुई है। प्रधानमंत्री के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को मिलेटस ईयर घोषित किया है।
मोटे अनाजों (मिलेट्स) पर इस तीन दिवसीय बैठक में जोर दिया जाएगा। कहा कि मोटे अनाज को मुख्यधारा का हिस्सा बनाने के लिए मिलेट्स जी-20 की बैठकों का अभिन्न अंग बना है। प्रतिनिधिमंडलों को न केवल मिलेट्स के स्वाद से परिचित कराया जा रहा है, बल्कि किसानों से उनकी भेंट भी कराई जा रही और वे स्टार्ट-अप्स के साथ संवाद भी करेंगे। मिलेट्स का वैश्विक बाजार 470 मिलियन डॉलर का था। अनुमान है कि 2026 तक इसकी सकल सालाना विकास दर में 4.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। आशा की जानी चाहिए कि अब भारत के साथ ही दुनिया में भी मोटे अनाज की खपत बढ़ेगी। इससे न केवल भारत बल्कि दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी नए रोजगारों का सृजन होगा, किसानों की आय बढ़ेगी और खाद्य-पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।