काशी की चमक ने बढ़ाए दाम: देव दीपावली पर होटल-नाव हुए ‘सोने के भाव’, विदेशों को भी पीछे छोड़ा
वाराणसी (रणभेरी): देव दीपावली शुरू होते ही काशी का कण-कण रोशनी से जगमगा रहा है और शहर में आने वाले मेहमानों ने पर्यटन बाजार में अभूतपूर्व रौनक ला दी है। यही कारण है कि इस बार बनारस में ठहरना दुबई, लंदन और हांगकांग जैसे विश्व प्रसिद्ध शहरों से भी महंगा पड़ रहा है। गंगा किनारे स्थित लग्ज़री होटलों में एक रात का किराया डेढ़ लाख रुपये से ऊपर पहुंच चुका है, जबकि सामान्य श्रेणी के कई होटलों ने भी कीमतों को आसमान पर पहुंचा दिया है।
कहाँ कितना किराया
ऑनलाइन बुकिंग पोर्टलों पर निगाह डालें तो स्थिति और स्पष्ट हो जाती है। छावनी क्षेत्र, जो घाटों से लगभग आठ किलोमीटर दूर है, वहां कमरों की दरें 72 हजार रुपये से शुरू हो चुकी हैं। नदेसर स्थित हाई-एंड होटल ने तो देव दीपावली की रात के लिए 1.5 लाख रुपये तक की बुकिंग दर्ज की है। पांडेयपुर और आसपास के इलाकों में औसतन 35 से 55 हजार रुपये प्रति कमरा लिए जा रहे हैं, जबकि कुछ छोटे होटल 90 हजार रुपये तक पहुंच गए हैं। तुलना में देखें तो दुबई मॉल के पास होटल 15-25 हजार में और हांगकांग में 15-35 हजार में बुक हो रहे हैं। स्पष्ट है, इस बार काशी ने वैश्विक पर्यटन बाजार को भी चौंका दिया है।
विश्व के कोने-कोने से मेहमान
अयोध्या में दीपोत्सव के बाद अब देव दीपावली ने काशी की पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत किया है। इटली, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका और यूएई सहित कई देशों से पर्यटक यहां पहुंचे हैं। इन यात्रियों ने महीनों पहले ही कमरों की बुकिंग कर ली थी, जिसके चलते स्थानीय होटल व्यवसायियों को जबरदस्त लाभ मिला है।
वाराणसी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष गोकुल शर्मा के अनुसार, “इस वर्ष विदेशों से श्रद्धालुओं की आवक रिकॉर्ड स्तर पर है। जिन्होंने समय रहते बुकिंग कराई, उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन देर से बुकिंग करने वालों को काफी महंगा ठहराव करना पड़ रहा है।”
नावों की रौनक: घाट का नज़ारा अब लक्ज़री अनुभव
देव दीपावली पर गंगा के घाटों पर 25 लाख दीप प्रज्ज्वलित होने की तैयारी है। इस अद्भुत सौंदर्य को नजदीक से निहारने के लिए नावों की मांग इतनी बढ़ गई है कि अधिकांश नावें पहले ही रिज़र्व हो चुकी हैं। स्थिति यह है कि 10 हजार रुपये से कम पर कोई नाव उपलब्ध नहीं है।
छोटी नाव: 10,000 रुपये से शुरू
मझोली और बड़ी नावें: 20,000 से 50,000 रुपये
बजरा/डबल-डेकर: 50,000 से 3,00,000 रुपये
तत्काल बुकिंग: 8,000 रुपये प्रति यात्री
क्रूज़ (अलकनंदा आदि): 15,000 रुपये प्रति यात्री, सीटें पूरी तरह भरी
नाविकों ने विशेष सजावट, संगीत कार्यक्रम, नाश्ता और अस्सी घाट से नमो घाट तक की यात्रा जैसे आकर्षण भी शामिल किए हैं। रात में गंगा आरती, लेज़र शो और आतिशबाजी की झिलमिलाहट का अनुभव पर्यटकों के लिए यादगार बनने वाला है।
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
शहर में सुरक्षा-व्यवस्था को भी प्राथमिकता दी गई है। गंगा क्षेत्र को नो-फ्लाई ज़ोन घोषित कर दिया गया है और ड्रोन उड़ाने पर रोक रहेगी। घाटों पर विशेष निगरानी टावर और अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
देव दीपावली: दैविक सौंदर्य और आर्थिक उत्सव
काशी ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि अध्यात्म और पर्यटन का संगम आर्थिक उन्नति का कारण भी बन सकता है। जहां एक तरफ दीपों की नर्म रोशनी और मंत्रों की मधुर ध्वनि आत्मा को शांति देगी, वहीं होटल और नौका कारोबार की चमक शहर की आर्थिक धारा में नई ऊर्जा भर रही है। इस देव दीपावली, गंगा-तट केवल रोशनी से नहीं, आशाओं और उल्लास से भी नहाया हुआ है।











