देश के 10 सबसे ठंडे शहरों में शामिल हुआ बनारस
घने कोहरे ने काशी को जकड़ा, तापमान सामान्य से 10 डिग्री तक गिरा
वाराणसी (रणभेरी): उत्तर प्रदेश में मौसम ने अचानक तीखा रुख अपना लिया है। बीते तीन दिनों से घने कोहरे और कड़ाके की ठंड ने काशी सहित पूरे पूर्वांचल को अपनी चपेट में ले लिया है। ऊपरी क्षोभमंडल में उत्तर भारत से होकर गुजर रही उष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम के प्रभाव से वातावरण में नमी बढ़ी, जिसके कारण अत्यंत घना कोहरा छा गया। हालात ऐसे रहे कि दिन में भी सूर्य के दर्शन मुश्किल हो गए और दृश्यता कई इलाकों में बेहद कम दर्ज की गई। कोहरे और सर्द हवाओं के चलते दिन के तापमान में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई। बनारस का अधिकतम तापमान सामान्य से करीब 10 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया, जिससे यह प्रदेश का सबसे ठंडा शहर बन गया। हैरानी की बात यह रही कि काशी का तापमान शिमला, शिलांग और मनाली जैसे पहाड़ी शहरों से भी कम दर्ज किया गया। यही नहीं, बनारस देश के 10 सबसे ठंडे शहरों की सूची में भी शामिल हो गया।
अत्यधिक शीत दिवस की चपेट में काशी
भारतीय मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार बनारस सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अत्यंत घना कोहरा छाया रह सकता है। शुक्रवार को भी बनारस, प्रयागराज, मीरजापुर, चंदौली, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, कुशीनगर समेत आसपास के क्षेत्रों में अत्यधिक शीत दिवस की स्थिति बने रहने की संभावना है। वहीं पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश के जिलों—आगरा, मेरठ, मथुरा, सहारनपुर, अलीगढ़, कानपुर, फतेहपुर, लखनऊ, बाराबंकी, गोंडा सहित अन्य इलाकों में भी शीतलहर और ठंड के तीखे असर का अनुमान जताया गया है। मौसम विभाग ने खासतौर पर सुबह और रात के समय अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
छह साल बाद दिसंबर में इतनी गिरावट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, लखनऊ के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि दिसंबर महीने में छह वर्ष बाद बनारस में तापमान इस कदर नीचे गिरा है। इससे पहले वर्ष 2019 के दिसंबर के अंतिम दिनों में अधिकतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। 27 दिसंबर 2019 को अधिकतम तापमान 11.2 डिग्री, 28 दिसंबर को 13.6 डिग्री, 30 दिसंबर को 13.3 डिग्री और 31 दिसंबर को 9.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। लेकिन दिसंबर के तीसरे सप्ताह में ऐसी गिरावट कई वर्षों बाद देखने को मिली है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, जब मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो जाए और अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 से 6.4 डिग्री नीचे चला जाए, तो उसे शीत दिवस कहा जाता है। वहीं अधिकतम तापमान यदि सामान्य से 6.5 डिग्री से भी अधिक नीचे चला जाए, तो स्थिति अत्यधिक शीत दिवस की मानी जाती है। इसी मानक के अनुसार गुरुवार का दिन बनारस के लिए अत्यधिक शीत दिवस रहा। घने कोहरे और बढ़ती ठंड से काशी में जनजीवन प्रभावित है। सड़कों पर दृश्यता कम होने से यातायात बाधित हो रहा है, जबकि खुले में काम करने वाले लोग सबसे ज्यादा परेशान नजर आए। मौसम विभाग ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने, गर्म कपड़े पहनने और ठंड से बचाव के सभी उपाय अपनाने की अपील की है।











