BHU में धरने पर बैठे छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय पर किया बुध्दि-शुद्धि यज्ञ और छोड़ा अन्न-जल, बोले- शोध प्रवेश में 'अपनों' को दे रहे मौका

BHU में धरने पर बैठे छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय पर किया बुध्दि-शुद्धि यज्ञ और छोड़ा अन्न-जल, बोले- शोध प्रवेश में 'अपनों' को दे रहे मौका

वाराणसी (रणभेरी): काशी हिंदू विश्वविद्यालय पर कार्यालय पर आज छात्रों ने अनियमितता पूर्ण शोध प्रवेश को लेकर आमरण अनशन की शुरुआत कर दी। छात्रों ने ऐलान किया है कि वह "अब न पीना पियेंगे न भोजन" करेंगे।केंद्रीय कार्यालय के मुख्य द्वार पर उन्होंने शुद्धि-बुध्दि यज्ञ किया।

छात्रों का कहना है कि भूख हड़ताल पर बैठे सत्यनारायण ने कहा कि विश्वविद्यालय में आए दिन भ्रष्टाचार, धांधली करते हुए अधिकारी पाए जा रहे हैं। तमाम आरोपों के बाद भी पदों पर बने हुए हैं। निष्पक्ष व साफ प्रवेश करा पाना विश्वविद्यालय के अधिकारियों के एजेंडे में ही नहीं है। पल्लव ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय पूरी तरीके से भ्रष्टाचार को बढ़ाव दे रहा है। अनियमितता पूर्ण प्रवेश रोक पाने में विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरीके से असफल रहा है। नियमों को ताक पर रख कर अपने चहेते कैंडिडेट्स को प्रवेश दिलाने के प्रयास में विवि प्रशासन लगा हुआ है।

सामाजिक विज्ञान संकाय के सामाजिक समावेशन नीति अध्ययन केंद्र का है, जिसमें मुख्य विषय सोशल इनक्लूजन या सब लैटर्न स्टडीज ही था और इसी विषय से एमफिल भी किया है। ऐसे में सब लैटर्न विषय से रेट एंग्जंप्टेड कैटेगिरी और मेन डिसिप्लिन में पीएचडी इंटरव्यू होगा। यानी कि उसे सीधा इंटरव्यू देने का मौका मिलेगा, लेकिन इस सीट पर कई एलाइड विषयों के भी आवेदकों ने मेन डिसिप्लीन में इंटरव्यू दे दिया, जबकि तय हुआ था कि ऐसा नहीं किया जाएगा।