दक्षिणी से अजीत सिंह के ‘आप’ का प्रभारी बनने पर हर्ष का माहौल

दक्षिणी से अजीत सिंह के ‘आप’ का प्रभारी बनने पर हर्ष का माहौल
  • दक्षिणी की जनता ने ढोल-नगाड़ा और हर्ष जुलूस के साथ अजीत सिंह का किया जोरदार स्वागत
  • ‘आप’ अकेले लड़ेगी चुनाव, किसी के साथ नहीं होगा गठबंधन- अभिनव राय
  • अब तक हुए 200 नाम घोषित, शीघ्र ही अन्य सीटों के लिये होगी घोषणा

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी के दक्षिणी विधानसभा से आम आदमी पार्टी ने आगामी विधानसभा के लिये राजमंदिर के लोकप्रियको प्रभारी बनाकर विपक्षी खेमों में हलचल मचा दी है। अजीत सिंह के नाम की घोषणा होते ही वाराणसी के हॉट सीट दक्षिणी पर राजनैतिक चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया हैं। क्षेत्र के प्रमुख चौराहों, चाय- पान की दुकानों पर अजीत सिंह द्वारा करायें गये विकास कार्यों की चर्चा जोरों पर है। वहीं अजीत सिंह के प्रभारी घोषित होते ही क्षेत्रीय जनता और उनके समर्थकों में जोश और उत्साह देखने लायक हैं।

अजीत के राजमंदिर पहुँचते ही समर्थकों नेफूल-मालाओं से लादकर ढोल- नगाड़ों के बीच उनका जोरदार स्वागत कर अपनी खुशी जाहिर करते हुए, एक-दूसरे को मिठाइयाँ खिलाई। इस अवसर पर मौजूद प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह और पूर्व जिलाध्यक्ष मनीष गुप्ता ने उम्मीद जताई कि अजीत सिंह व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई को मजबूती प्रदान करते हुए दक्षिणी विधानसभा में ऐतिहासिक विजय प्राप्त करेंगें। स्वागत करने वालों में प्रमुख रुप से सरोज शर्मा, पं रवि दत्त मिश्र, गोपाल पांडेय, मनीष कसौधन, विनोद कुशवाहा, आफताब आलम ‘गुडडू’, राज बेनवंशी, अनिल अग्रवाल, मनीष पाल, किर्तन चौधरी, सुजित सिंह, सुखलाल कन्नौजिया, संजय रस्तोगी, पुष्कर ओझा, आशीष गुप्ता, मुन्ना दुबे, बाबू यादव, मुकेश मेहरोत्रा, बनवारी सेठ, विशाल सेठ (एडवोकेट) पिंटू आदि रहे।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश सहप्रभारी अभिनव राय ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि ‘आप’ का किसी भी पार्टी से चुनावी गठबंधन नहीं होगा। पार्टी अकेले ही पूरे दम-खम के साथ चुनाव लड़ेंगी। बताया कि हम पिछले दो वर्षों से 2022 के चुनाव की तैयारी सभी 403 विधानसभाओं में पूरी गंभीरता से कर रहें हैं। एक ओर जहाँ सत्ताधारी भाजपा धार्मिक मुद्दों पर फोकस कर रहीं हैं, उसे आमजन के दु:ख- तकलीफ से कोई सरोकार नहीं हैं। महंगाई नित नये कीर्तिमान स्थापितकर रहीं। गृहिणियों को घर संभालना मुश्किल हो रहा हैं।

युवाओं में रोजगार के अभाव में कुंठा जन्म लें रहा हैं। महिला अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। किसान, व्यवसायी आदि भी सशंकित हैं। सम्पूर्ण प्रदेश में भय का माहौल हैं। वहीं आम आदमी पार्टी दिल्ली मॉडल की तर्ज पर उत्तर-प्रदेश में चुनावी ताल ठोक रहीं हैं। मुक्त बिजली, मुक्त शिक्षा, मुक्त चिकित्सा, रोजगार, बेरोजगारी भत्ता, मुक्त तीर्थयात्रा, किसानों के फसल का उचित दाम, व्यापारियों और महिलाओं की सुरक्षा और आत्मसम्मान हमारा मुख्य मुद्दा होगा।

बनारस और आस-पास की सीटों पर स्थानीय मुद्दों को भी प्रमुखता दी जायेंगी। हम प्रदेश की जनता को बेहतर और भ्रष्टाचार मुक्त माहौल देंगें। अभिनव जी ने आगे कहा कि अभी तक हम 200 सीटों पर अपने प्रभारियों की घोषणा कर चुके हैं, शीघ्र ही अन्य शेष सीटों पर प्रभारियों की घोषणा करेंगें। अब तक घोषित सीटों पर सामाजिक संतुलन और सभी वर्गों का ध्यान रखतें हुए युवाओं और महिलाओं को प्रमुखता दी गयीं हैं। अब तक घोषित लोगों में डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारी, सामाजिक कार्यकतार्ओं, पार्टी कार्यकर्ताओं आदि सहित सभी का ख्याल रखा गया हैं।

जमीन से जुड़े गरीबों के नेता है अजीत सिंह

एक तरफ राजनीतिक गलियारों में जहां नेता अपने स्वार्थ के बारे में सोचते है वहीं उसी गलियारे में कुछ ऐसे भी जमीनी नेता होते हैं जो जनता के दिलों पर अपनी छाप छोड़ देते है। पार्षद रहते हुए अजीत सिंह ने जमीनी स्तर पर अपने क्षेत्र में विकास की ऐसी गाथा लिखी जो चर्चा का विषय बन गया है। इतना ही नहीं अजीत सिंह ने कई बार अपने क्षेत्र में नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर लगाकर कईयों को रोशनी दी है, नया जीवन दिया है। इतना ही नहीं पार्षद अजीत सिंह का राजमंदिर वार्ड बनारस का एकमात्र ऐसा वार्ड है जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है, वह यह कैमरा सरकारी फंड से नहीं बल्कि अजीत सिंह ने अपने तरफ से क्षेत्रवासियों के सुरक्षा को ध्यान में रखकर लगवाया है।

राजमंदिर वार्ड को स्मार्ट वार्ड भी कहते है। अपने क्षेत्र के लोगों के हर सुख दु:ख में खड़े रहने वाले पार्षद अजीत सिंह गरीबों के मसीहा है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अजीत सिंह जनता से जुड़े लोग है। वो क्षेत्र का विकास करना जानते है, क्षेत्र की जनता की खुशहाली चाहते है। यही कारण है कि जब अजीत सिंह को आम आदमी पार्टी ने दक्षिणी सीट से प्रभारी बनाया तो क्षेत्र की जनता में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। दक्षिणी की जनता में अजीत सिंह के रूप में एक उम्मीद की नई किरण दिख रही है।