9वीं के छात्र की मौत से केंद्रीय विद्यालय बीएचयू के गेट पर धरने पर बैठे छात्र
वाराणसी (रणभेरी): केंद्रीय विद्यालय बीएचयू में वाराणसी के कक्षा नौ के छात्र मयंक यादव की आत्महत्या के बाद धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया है।मंगलवार सुबह 7 बजे स्कूल के ड्रेस में दर्जनों की संख्या में पहुंचे छात्रों ने मयंक की बड़ी बहन तनीषा के साथ मुख्य गेट बंद कर धरने पर बैठ गए। वहीं अब मृत छात्र की बहन की ओर से पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय की मांग की गई है। बहन भी केंद्रीय विद्यालय में दसवीं की छात्रा है और विद्यालय प्रशासन की ओर से किए गए दुर्व्यवहार को लेकर वह भी अपने भाई को न्याय दिलाने के पक्ष में मुखर है।
न्याय की मांग वाली तख्ती लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद प्रिंसिपल और प्राक्टोरियल बोर्ड के सदस्य पहुंचे। सभी ने विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को समझा कर गेट खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र उनकी बातों को अनसुना कर आरोपी वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए।सूचना के बाद मौके पर पहुंचे एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार ने छात्रों से बातचीत कर गेट खुलवाने और धरना खत्म कराने का प्रयास किया। तब पर भी छात्र एसीपी भेलूपुर की बातों मानने के लिए बिना कार्रवाई हुए धरना खत्म करने के लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद एसीपी भेलूपुर ने प्रिंसिपल से बातचीत कर घटनाक्रम की जानकारी ली। दोपहर 12 बजे एसीपी भेलूपुर ने छात्रों को मयंक को न्याय दिलाने का आश्वासन देकर धरना खत्म कराया।परिजनों का आरोप है कि स्कूल में गलती से मोबाइल लेकर चले जाने पर शिक्षकों और प्रिंसिपल ने अपमानित और प्रताड़ित किया। क्लास से सस्पेंड कर दिया। इसी तनाव में उसने खुदकुशी की है। उधर, विद्यालय के प्रिंसिपल ने आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि छात्र विद्यालय में वीडियो बना रहा था।इस पर उसे केवल समझाया गया था।
लेटर में लिखा- कार्रवाई पहले हो जाती, तो आज जिंदा होता मयंक
बीते साल से आए प्रिंसिपल दिवाकर सिंह और वाइस प्रिंसिपल बीनिता सिंह छात्रों पर अत्याचार कर रहे हैं। छात्रों को मारने-पीटने और स्कूल से बाहर निकालने की धमकी दी जाती है। इसकी लगातार केंद्रीय विद्यालय संगठन और बाल संरक्षण आयोग से शिकायत की जा रही है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्कूल में प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल, कई टीचर्स समेत चपरासियों तक का बिहेवियर हिटलर की तरह है।
प्रिंसिपल ने 4 दिन पहले प्रार्थना सभा में बच्चों को 6 महीने के लिए सस्पेंड करने की धमकी दी थी। हमारे भाई मयंक को प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल ने 25-30 थप्पड़ मारकर सबके सामने पिता की बेइज्जती की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्कूल संगठन अगर पहले ही इन लोगों पर कार्रवाई करता तो इतनी बड़ी घटना न होने पाती। आज मयंक जिंदा होता।
बोले डीसीपी, प्रकरण की हो रही जांच, चेयरपर्सन ने भी बैठाई है इंक्वायरी
काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित केंद्रीय विद्यालय के छात्र मयंक यादव के आत्महत्या का मामला अब तुल पकड़ता जा रहा है. मंगलवार सुबह स्कूल के बाहर छात्रों ने प्रदर्शन कर प्रधानाचार्य दिवाकर सिंह और सहायक प्रधानाचार्य विनिता सिंह के तानाशाही रवैए के खिलाफ पुलिसिया कार्यवाही की मांग की तो जांच करने डीसीपी काशी जोन आर. एस. गौतम पहुंचे। डीसीपी काशी जोन ने बताया की केंद्रीय विद्यालय के चेयरपर्सन से अनुरोध किया गया है की इस पूरे घटनाक्रम का निष्पक्ष जांच कराई जाए और जो व्यक्ति दोषी पाए जाते है उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाए. चेयरपर्सन द्वारा इंटर्नल जांच कराई जा रही है और पुलिस द्वारा भी छात्र के आत्महत्या के कारणों की जांच करवाई जा रही है. इस प्रकरण में उचित वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.