राम की भक्ति में सराबोर रही शिव की नगरी

राम की भक्ति में सराबोर रही शिव की नगरी

वाराणसी (रणभेरी सं.)। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि पर रविवार को मध्याह्न 12 बजे मंदिरों व घरों में घंटा घड़ियाल बज उठा, शंख की ध्वनि से पूरा क्षेत्र आध्यात्मिक हुआ। सोहर गीत बजे तो पूरी काशी रघुराई के जन्मोत्सव में सराबोर हुई। श्री रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की तपस्थली तुलसी घाट के राम मंदिर में भगवान राम का जन्मोत्सव हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। दोपहर ठीक 12 बजे अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास के महंत प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्र के सानिध्य में मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। मंदिर के पुजारी ने भगवानराम लक्ष्मण और सीता का नयनाभिराम श्रृंगार करके भव्य आरती की। प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्र ने कहा कि मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान राम का अवतार धरती पर अत्याचार कर रहे रावण, कुंभकरण, मेघनाद, सुबाहु आदि राक्षसों का वध करने के लिए हुआ। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि, अधर्म का बढ़ावा होगा तब भगवान किसी न किसी रूप में धरती पर जन्म लेंगे। जब धरती पर रावण का अत्याचार बढ़ गया। ऋषि मुनियों को रावण द्वारा सताये जाने लगा तब राम मानव रूप में जन्म लेकर रावण का वध किये और अपने भक्तों को दर्शन दिए। भगवान राम का दर्शन पूजन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई थी। आरती के पश्चात भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया इस अवसर पर प्रोफेसर के के शुक्ला, मदर्स फॉर मदर की अध्यक्ष श्रीमती आभा मिश्रा, अनूप मिश्रा, राघवेंद्र पांडे, रामयश मिश्र, विश्वनाथ यादव, हृदय नारायण मिश्रा सहित काफी संख्या में भक्त 
उपस्थित थे।

प्रभु श्रीराम का सूर्यतिलक धाम में सजीव देखा

श्रीराम नवमी पर रविवार को विश्वनाथ धाम में भक्तों को शिव और राम दोनों के दर्शन हुए। मंदिर चौक में लगाई गई विशाल एलईडी स्क्रीन पर आयोध्या से श्रीराम के सूर्य तिलक का सजीव प्रसारण उन्होंने देखा। बाबा विश्वनाथ का दरबार मध्याह्न में जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा। गुंजायमान हो उठा था। बीच-बीच में हर-हर महादेव का स्वर भी मुखर हो साा था। अस्योध्या में श्रीराम को मध्याह आरती पूर्ण होने तक भक्तगण विशाल स्क्रीन की ओर अपलक निहारते रहे। इससे पूर्व धाम में सज्जित श्रीराम विग्रह के समक्ष सुंदरकाण्ड पाठ किया गया। सायंकाल भजन संध्या का आयोजन भी विश्वनाथ धाम में किया गया। समस्त कार्यक्रमों की लाइव स्ट्रीमिंग न्यास की वेबसाइट, आधिकारिक फेसबुक पेज तथा यूट्यूब चैनल पर की गई। लाइव स्ट्रीमिंग का लाभ दूर-दराज के भक्तों के साथ उन भक्तों ने भी लिया जो काशी में होते हुए भी विश्वनाथ धाम नहीं पहुंच सके थे। इसके उपरांत धाम में नवमी का हवन भी किया गया। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत नौ महिलाओं को यजमान बनाया गया। इनमें प्रो. चंद्रकला पाडिया, डॉ. शिप्रा धर, संगीता कुमारी, उपमिता वाजपेयी, ललिता शर्मा, दिव्या दुबे, डॉ. नीरजा माधव, ज्योति सिंह, सिद्धिदांत्रि भारद्वाज शामिल रहीं। सिंधोरा बाजार में रविवार को श्रीरामनवमी के अवसर पर भव्य व विशाल शोभायात्रा निकाली गई जो नव युवक दुर्गा पूजा समिति, सर्व मनोकामना सिद्ध दुर्गा माता मंदिर पुरानी बाजार से होते हुए चौरा माता मंदिर से होते हुए पूरे सिंधोरा का भ्रमण करते हुए संकट मोचन मंदिर राम बाबा जाकर समाप्त हुआ।

 सिंधोरा में निकली शोभायात्रा में आगे घोड़े, गाजे बाजे के साथ भगवान श्रीराम अपने चारो भाईयो के साथ रथ पर सवार दिखे तथा घर घर प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान सिंधोरा बाजार में भी झंडे से भी सजाया गया तथा कार्यकम का आयोजन सिंधोरा के व्यापारियों ने किया। वहीं लोहता के जगर्नाथपुरी स्थित रामलीला मैदान मे रविवार को सायकाल श्रीराम भब्य शोभा यात्रा बडी धूमधान से निकला प्रभु श्री राम लक्ष्मण व सीता हनुमान सज धज कर रथ पर सवार होकर बढ रहे है आगे आगे भक्त गढ लोग जय श्री राम जय श्री राम नारे लगाते हुए चल रहे थे इस शौभा यात्रा मे हजारो भक्त गढ के हाथ मे भगवा रंग का झंडा लिये डीजे के धून मे जय श्री राम जय श्री राम नारा लगाते हुए आगे बढ रहे थे जगह जगह भक्तगढ लोगो को जलपान का ब्यवस्था किया गया था यह शोभा यात्रा लोहता जगर्नाथपुरी रामलीला से चलकर चांदपुर स्थित रामलीला मैदान मे जाकर समाप्त हुआ पुलिस प्रशासन के तरफ से थाना प्रभारी प्रवीण कुमार रोहनिया एसीपी संजीव कुमार शर्मा उपनिरीक्षक अनुज शुक्ला उप निरीक्षक अमित कुमार यादव अपने हमराहियो के साथ व पीएसी के जवान मौजूद थे।

रामनवमी पर हिन्दू युवा संगठन ने निकाली शोभायात्रा

रामनवमी के शुभ अवसर पर रविवार शाम जनकपुर स्थित मंदिर के समीप से हिन्दू युवा संगठन ने भव्य शोभायात्रा निकाली। गाड़ी पर भगवान श्रीराम की बड़ी तस्वीर लगाकर भव्य सजावट के साथ डीजे की धुन पर शोभायात्रा को शास्त्री चौक, बटाऊबीर, साहित्य नगर भ्रमण कराते हुए शोभायात्रा का समापन हुआ।  शोभायात्रा के आगे भारत माता की तस्वीर, भगवान श्रीराम की तस्वीर लगाकर भव्य सजावट के साथ पीछे-पीछे डीजे की धून पर सैकड़ों की संख्या में संगठन के कार्यकर्ता झूमते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा समापन के बाद लोगों को मिष्ठान वितरण किया गया। जुलूस का नेतृत्व भाजयुमो के पूर्व नगर अध्यक्ष गौरव गुप्ता कर रहे थे। जुलूस में रितेश पाल गौतम, अशोक अग्रहरी,लल्लन सोनकर, राहुल कसेरा, धीरेन्द्र प्रताप सिंह एडवोकेट, आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।

मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में पढ़ी राम आरती

वाराणसी (रणभेरी सं.)। मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मुस्लिम महिलाओं की श्रीराम महाआरती का आयोजन लमही के सुभाष भवन में किया गया। सजावटी थाल, खूबसूरत रंगोली, उर्दू में लिखा श्रीराम मुस्लिम महिलाओं की श्रद्धा को व्यक्त कर रहा था। मुस्लिम महिलाएं खुश थीं, क्योंकि वक्फ संशोधन बिल पास हो गया और उसमें उनको भी अधिकार मिला है। कहा गया कि पूरे देश में वक्फ कानून को लेकर नफरत भड़काकर हिन्दू-मुसलमानों के बीच समाज को बांटा जा रहा है। मौलानाओं के बयान देश को तोड़ने की दिशा में आ रहे हैं। ऐसे में काशी से मुस्लिम महिलाओं द्वारा प्रेम, एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द्र का संदेश नफरत फैलाने वालों के मुंह पर तमाचा है। केंद्र सरकार को बड़ी राहत भी मिली जब मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि वक्फ कानून रामजी की कृपा से पास हुआ है। नकाबपोश मुस्लिम महिलाओं ने मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में भगवान श्रीराम की आरती उतारी। उर्दू में लिखी राम आरती को मुस्लिम महिलाओं ने गाया। रामजी के जन्म पर सोहर गाये गए और जय सियाराम का नारा लगा। नाजनीन अंसारी ने कहा कि अरबी, तुर्की, मुगल लुटेरे आए, आक्रमण किया, राज किया, बहुतों ने धर्म बदल लिया, लेकिन अरबियों और तुर्कियों की संस्कृति को कभी हमने स्वीकार नहीं किया। 

रामरमापति बैंक में गूंजा सोहर, लोगों ने बैंक की परिक्रमा की

वाराणसी (रणभेरी सं.)। रामनवमी के अवसर पर रविवार को त्रिपुरा भैरवी स्थित रामरामापति बैंक में भगवान श्रीराम की पूजा हुई। सुबह से ही भक्तों की कतार प्रभु श्रीराम के दर्शन को लगी रही। विगत कई सालों से रामरमापति बैंक में भक्त राम का नाम लिख कर पत्रक को जमा करते हैं, जिससे कोई कष्ट तकलीफ नहीं आती। अपने आप में अनूठा व भौतिकता से परे राम रमापति बैंक दरअसल दुनिया की सबसे पवित्र बैंकिंग व्यवस्था है। इसका पता है मृत्युलोक काशी और इसके सेक्रेट्री हैं रामभक्त हनुमान। रामनाम के बैंक में नवमी के दिन घर वालों ने ही इस बार की परम्पराओं का निर्वाह किया है। सुबह मंलगा आरती की गई इसके बाद अपराह्न में जन्म फिर भगवान को पंचार्मित स्नान कराया गया। इसके बाद चांदी के झूले पर विराजमान कराया गया। विभिन्न प्रकार के खिलौनो से प्रभु को प्रसन्न किया गया। भोग लगा कर आरती की गई जिसमें मुख्य रूप से घर के ही लोग शामिल रहे। 

क्रीं-कुण्ड पर हुआ कन्या पूजन

रविन्द्रपुरी स्थित बाबा कीनाराम आश्रम क्रीं कुंड पर चैत्र नवरात्र के नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया गया। उपवास, देवी-पाठ, आरती-पूजन के साथ प्रथमा से लेकर अष्टमी तक देवी माँ के अलग-अलग रुपों की आराधना हुई। इसके बाद पर्व के आखिरी दिन धूमधाम से देवी माँ की विदाई की गयी जिसके तहत बाबा सिद्वार्थ गौतम राम ने कन्याओं का पूजन किया। छोटी-छोटी कन्याओं को देवी के अलग-अलग रुपों के श्रृंगार में उनका पूजन किया गया। इसके बाद सभी 9 कन्याओं का श्रृंगार कर उन्हें देवी रुप में और एक बालक का श्रृंगार कर उन्हें भैरव बाबा के रुप में पूजा गया। सभी देवियों व भैरव को विभिन्न पकवानों का भोग लगाया गया और उन्हें तृप्त कराकर पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया गया।

गंगा की लहरों पर सजी राम मंदाकिनी शोभायात्रा

वाराणसी (रणभेरी सं.)। रामनवमी के अवसर पर प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी काशी में रामकथा मंदाकिनी शोभायात्र समिति की ओर से रविवार को श्री रामकथा मंदाकिनी शोभायात्रा निकाली गई। तुलसीघाट पर राम दरबार की आरती उतारी गई। इसके बाद यात्रा गंगा तट पहुंची। यहां सोहर और मंगल गीतों की प्रस्तुति भी हुई। संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र ने सभी विग्रहों की आरती उतारी। बताया कि कार्यक्रम की शुरूआत आज से लगभग तीन दशक पूर्व वर्ष 1988 में हुई थी। उस समय काशी के कुछ प्रबुद्धजनों ने विचार विमर्श कर रामायण धारावाहिक के पात्रों को काशी में आमंत्रित किया। रामायण धारावाहिक के सभी पात्र अपनी संपूर्ण वेशभूषा के साथ जब बजड़े पर सवार हुए तो पूरी काशी गंगा तट पर जमा हो गई। रामकथा मंदाकिनी शोभायात्रा विगत 35 सथों की भांति इस वर्ष भी भगवान श्रीराम के अवतरण दिवस पर स्थानीय तुलसी घाट पर संकट मोचन मंदिर के महत डॉ. विश्वंभर नाथ मिश्र ने आरती कर शोभायात्रा को रमाना किया। सभी झांकियां नाथ पर प्रभु राम के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित बाल कलाकारों को लेकर गंगा के लहरों के बीच चम चमाती हुए जिस पाट से गुजर रही थी। वह घाट भगवान प्रभु राम के नारों से गूंज उठा। यह चात्रा तुलसी घाट से नमी घाट तक शोभायात्रा गंगा के लहरों में निकली गई।