काशी में धूमधाम से निकली शिव बारात: शरीर पर भस्म, गले में नरमुंडों की माला... भूत-पिशाच संग निकले महादेव

काशी में धूमधाम से निकली शिव बारात: शरीर पर भस्म, गले में नरमुंडों की माला... भूत-पिशाच संग निकले महादेव

वाराणसी (रणभेरी): बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में महाशिवरात्रि की भव्य छटा देखने को मिली। पूरी काशी शिवमय हो गई।  महाशिवरात्रि पर देवाधिदेव महादेव काशी में दूल्हा रूप में नजर आए। काशी में भव्य शिव बारात निकाली गई। G-20 प्रतिनिधि अपने-अपने देशों के ध्वज के साथ बाबा की बारात में शामिल हुए। इससे बारात में विश्वव्यापी स्वरूप नजर आया। शिव बारात में गंगा-जमुनी तहजीब की भी झलक देखने को मिली। साड़ बनारसी दूल्हा बने और व्यापारी नेता बदरूद्दीन दुल्हन के रूप में नजर आए। कलाकार अमरनाथ शर्मा सहवाला बने। पुराणों में वर्णित शिव बारात का नजारा काशी में देखने को मिला। महाशिवरात्रि पर काशी मे निकलने वाली विश्व की प्रथम शिव बारात 41वें वर्ष में प्रवेश कर गयी है। हर बार कुछ नया संदेश देने की परम्परा के अनुरूप इस बार मुख्य आकर्षण G-20 की मेजवानी कर रहे भारत में 20 देशों के प्रतिनिधी अपने देश के ध्वज के साथ बाबा की बारात में सम्मिलित हुए।

यह लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। बारात के साथ चल रही झाकियों में मटकी फोड़, होली, बरसाने की लट्ठमार होली,  मसाने की होली ने बारात को होलियाना बना दिया। परम्परागत रूप से देवी-देवता, किन्नर, जादूगर, सपेरा, भूत पिशाच सब बराती बन कर सज संवरकर कर चल रहे थे। बारात का एक छोर विश्वनाथ धाम तक पहुंच चुका था तो दूसरा छोर अभी प्रारम्भ स्थल पर ही था। ग्रंथों में वर्णित शिव बारात आज काशी नगरी मे परिलक्षित हो रही थी। मंगला आरती के बाद सुबह 3:30 बजे काशी विश्वनाथ मंदिर के पट खोल दिए गए। रात 9 बजे तक 7.50 लाख से ज्यादा भक्तों ने काशी विश्वनाथ के दर्शन किए। इस दौरान बाबा विश्वनाथ के धाम से लेकर गंगा तट का क्षेत्र हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंजता रहा। बाबा दरबार में दर्शन-पूजन का यह सिलसिला शनिवार-रविवार की रात शयन आरती तक लगातार चलता रहा। बाबा विश्वनाथ ने रात्रि विश्राम नहीं किया।