नगर निगम के वाहनों की सर्विसिंग, पार्ट्स में भी खेल

नगर निगम के वाहनों की सर्विसिंग, पार्ट्स में भी खेल

वाराणसी (रणभेरी सं.)। वाराणसी नगर निगम की गाड़ियों में डीजल - पेट्रोल के खेल के बाद अब वाहनों की सर्विसिंग से लेकर उनके पार्ट्स की खरीद फरोख्त में भी गड़बड़झाला सामने आ रहा है। नगर निगम के पास वर्तमान में छोटे बड़े लगभग तीन सौ वाहन हैं। एक तरफ नगर निगम अपने अपने प्रोजेक्ट के लिए 59 करोड़ रुपए के म्युनिसिपल बांड जारी करने की तैयारी में है तो दूसरी तरफ जनता के पैसों से हो 'खेल ' को लेकर जनता के प्रतिनिधि सवाल खड़े कर रहे हैं। नगर निगम के उप सभापति नरसिंह दास ने नगर आयुक्त से निगम के वाहनों की सर्विसिंग और पार्ट्स की खरीद को लेकर कई सवाल किए हैं। उपसभापति ने नगर निगम के वाहनों की होने वाली सर्विसिंग को लेकर सवाल खड़े किए हैं। नगर आयुक्त से पूछा है कि जब वाहनों को सर्विसिंग के लिए पहले से ही अधिकृत सेंटर का चयन किया गया है तो वाहनों की गैर स्थानों पर सर्विसिंग क्यों कराई जा रही है। ये सीधे सीधे फजीर्वाड़े की तरफ इशारा कर रहा है। अनाधिकृत सर्विस सेंटरों से वाहनों की सर्विसिंग कराने के पीछे क्या मंशा है, इसे स्पष्ट किया जाए। वाहनों की सर्विसिंग ठेकेदार क्यों करा रहे हैं, नगर निगम कार्यकारिणी को इसका जवाब प्रस्तुत किया जाए। नगर निगम के उप सभापति ने वाहनों के पार्ट्स की खरीद को लेकर भी नगर आयुक्त से जवाब मांगा है। पूछा है कि जब सदन में प्रस्ताव पास हो चुका है कि निगम की गाड़ियां, जिन भी वाहनों के पार्ट्स खराब होंगे उन्हें अधिकृत कंपनी से ही खरीदा जाए। आदेश पारित होने के बावजूद मोटर पार्ट्स अधिकृत कंपनी से न खरीदकर अन्य स्थानों से क्यों खरीदा जा रहा है।

छह महीने का मांगा है हिसाब

नगर निगम के उप सभापति नरसिंह दास ने नगर निगम के अधिकारियों से वाहनों की सर्विसिंग और मोटर पार्ट्स की खरीदफरोख्त में हुए भुगतान का ब्यौरा मांगा है ताकि पता चल सके कि अनाधिकृत स्थानों पर सर्विसिंग और पार्ट्स की खरीद में कितना पैसा खर्च किया गया है।

तेल में भी चल रहा था खेल

वाराणसी नगर निगम में वाहनों में डीजल पेट्रोल को लेकर भी लंबे समय से खेल चल रहा था जिसे अब बंद करने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा। पूर्व में सभी जोन की गाड़ियां कैंट के समीप एक पेट्रोल पंप से ही तेल लेती रही। कई गाड़ियों का एवरेज 1 किलोमीटर प्रति लीटर दर्ज हो रहा था। शहर के बार्डर एरिया से डीजल लेने आने वाले वाहन आने जाने में ही हजारों का तेल फूंक दे रहे थे। मामला पकड़ में आया तो मेयर के आदेश पर शहर के पांचों जोन में पांच पेट्रोल पंप से डीजल पेट्रोल लेने का अनुबंध हुआ। गाड़ियों के एवरेज में चल रहे खेल को सुधारने के लिए एक बार फिर से नगर निगम की गाड़ियों में जीपीएस ट्रैकर लगाया जा रहा ताकि पता चल सके कि वाहन कितने चले और कितना तेल खर्च हुआ। फिलहाल नगर निगम चार से पांच लाख रुपए तेल पर प्रतिमाह खर्च करता है