चिलचिलाती गर्मी अब सेहत से कर रही खेलवाड़

कबीरचौरा अस्पताल में रोजना एडमिट हो रहे 15 बच्चे, बोलीं बाल रोग विशेषज्ञ- धूप में बरतें एहतियात, बाहर न जाने दें
वाराणसी (रणभेरी सं.)। वाराणसी में लगातार बदलते मौसम और चिलचिलाती धूप से लोग परेशान हैं। खासकर बच्चों की तबीयत पर इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। एक ओर तेज धूप ने आमजन की परेशानी बढ़ा दी है, वहीं दूसरी ओर मौसम में आ रहे उतार-चढ़ाव के कारण छोटे बच्चे तेजी से बीमार पड़ रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए डॉक्टर्स ने बच्चों को विशेष देखभाल और सतर्कता बरतने की सलाह दी है। एसएसपीजी कबीरचौरा अस्पताल की एसआईसी और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मृदुला मलिक ने बताया कि मौजूदा मौसम में बच्चों को धूप से बचाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस समय बच्चों को जितना हो सके, घर के अंदर रखें। अनावश्यक बाहर न निकलने दें, क्योंकि बच्चों की इम्यूनिटी कम होती है और वे जल्दी बीमार पड़ते हैं। डॉ. मलिक के अनुसार, अस्पताल में आमतौर पर रोजाना 10 बच्चे भर्ती होते हैं, लेकिन हाल के दिनों में यह संख्या बढ़कर 15 तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में हर समय 20 से 25 बच्चे भर्ती रहते हैं। अधिकतर मामलों में बच्चों को पेट दर्द, उलटी, लूज मोशन जैसी समस्याएं हो रही हैं, जो मौसम की मार से जुड़ी हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि बच्चों को ताजा खाना ही दें और किसी भी हालत में बासी या बाजार का खाना न खिलाएं। साथ ही, बच्चों को ऐसा भोजन दें जो आसानी से पच सके। यदि बच्चे को किसी भी तरह की तबीयत खराब महसूस हो, जैसे पेट दर्द या लूज मोशन, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। देरी खतरनाक हो सकती है।
बच्चों के लिए तीन वार्ड, 40 बेड की व्यवस्था
डॉ. मृदुला मलिक ने जानकारी दी कि एसएसपीजी अस्पताल में बच्चों के लिए कुल तीन वार्ड हैं, जिनमें 18, 10 और 8 बेड की व्यवस्था है। यानी कुल मिलाकर बच्चों के लिए 40 बेड उपलब्ध हैं। जरूरत पड़ने पर अन्य वार्डों में भी बेड बढ़ाकर इलाज किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इमरजेंसी की स्थिति में अस्पताल पूरी तरह से तैयार है। बच्चों के इलाज के लिए डॉक्टरों की पर्याप्त संख्या है, साथ ही सपोर्टिंग स्टाफ भी मुस्तैद है। अस्पताल की टीम किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। बदलते मौसम में बच्चों को बीमारियों से बचाना अभिभावकों की बड़ी जिम्मेदारी है। डॉक्टरों की सलाह मानें और सतर्क रहें, यही बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है।