सनातन को आज जयचंदों से खतरा : देवकीनंदन ठाकुर
वाराणसी (रणभेरी सं.)। सनातन ना किसी वर्ण का अपमान करता है और ना ही किसी धर्म का। यही एक ऐसा धर्म है जिसमें स्त्री पुरुष में कोई भेद नहीं है। यही वजह है कि विधर्मियों द्वारा बार बार सनातन को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास होता है, लेकिन ना वें पहले सफल हुए और ना आगे होंगे। यह उदगार सोमवार को सम्पूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दीक्षांत मण्डप में श्रीमद् भागवत कथा श्रवण कराते हुए प्रखर भागवत वक्ता देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने व्यक्त किए। नौ दिवसीय सिय पिय मिलन महामहोत्सव पर आयोजित कथा के दूसरे दिन प्रवचन देते हुए देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने कहा, सनातन को आज जयचंदों से ज्यादा खतरा है। इन्ही जयचंदों के कारण पाकिस्तान जैसा देश बना, कश्मीर में लाखों कश्मीरी ब्राह्मणों का नरसंहार हुआ। आज जो इनके खिलाफ जागरुकता फैलाएं, उन्हें समाज में जहर घोलने वाला कहा जा रहा है। देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि कुछ कौरव तुमको मार देना चाह रहे हैं, जिनकी संख्या इस समय कम है। हिंदुओं इस समय तुम लोग घर में डरे बैठे हो। अगर आप लोग नहीं लड़ेंगे तो काट दिए जाएंगे। यह बातें सत्य है इससे आप मुंह नहीं मोड सकते हैं।
कथाक्रम में देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने सभी काशीवासियों से सनातन बोर्ड के लिए हर स्तर पर आवाज उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, आजादी के बाद जब वक्फ बोर्ड बन सकता है तो सनातन बोर्ड क्यों नही बन सकता। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने जनप्रतिनिधियों से सनातन बोर्ड का जवाब मांगना शुरू कर दें तो अगले चुनाव से पहले ही यह अपना स्वरूप ले लेगा। इस मौके पर उन्होंने सनातन धर्म बोर्ड की मांग के समर्थन के लिए मिस्ड कॉल नंबर 992730037 जारी किया।
75 साल पहले सनातन बोर्ड क्यों नहीं बना
देवकीनंदन ने ठाकुर ने कहा कि देश में मौजूदा स्थिति पर न बोलना भी एक अपराध है। उन्होंने कहा कि हम सभी से जानना चाहते हैं कि जब 75 साल पहले देश आजाद हुआ बफ्फ बोर्ड बना तो फिर सनातन बोर्ड क्यों नहीं बना। उन्होंने कहा कि हम सभी यहां कथा सुन रहे हैं भगवान की पूजा कर रहे हैं लेकिन हमने यह कभी नहीं सोचा कि हमारे मंदिर सरकार के अधीन क्यों है।
उन्होंने कहा कि सरकार यह डिसाइड करेगी कि हमारे भगवान को क्या भोग लगेगा। उन्होंने कहा कि यह अधिकारी डिसाइड करेंगे कि हमारे भगवान के दर्शन कब होंगे। उन्होंने कहा कि उसी का परिणाम था कि तिरुपति बालाजी के मंदिर में प्रसाद में मिलावट हुई और पशुओं की चर्बी हमने खाई उन्होंने कहा कि हमारे धर्म भ्रष्ट होने के बाद भी हमारे जिभ्या पर कोई बयान नहीं है।
किशोरी जी के जन्म पर जनकपुरी में गूंजी बधाई
महामहोत्सव में जनकदुलारी किशोरी जी के प्राकट्य की लीला मंचित हुई। इस अवसर पर मामा जी द्वारा रचित राम रघुबर की प्राण पिया, भजो रे मन सिया सिया, प्रगटी सिया सुख दैया, जनकपुर में बाजे बघइयां आदि बधाई गीतों से उत्सव मनाया गया और बधाई भी बांटी गई। लीला का निर्देशन व्यास नरहरि दास जी महाराज एवं पात्र संयोजन अशोक मिश्रा ने किया।
संतों ने रखे विचार
कथा में वृन्दावन से आये नाभा पीठाधीश्वर, सुदामा कुटी के सुतीक्षण दास महाराज, महंत बालक दास, जगदीश्वर दास, नरहरि दास आदि संतो महात्माओं ने भी विचार रखे। कथा के समापन पर व्यासपीठ की आरती मुख्य संकल्पी सिया दीदी, अशोक अग्रवाल गुरुकृपा, वेद अग्रवाल, राकेश, विनय, रवि, राजेन्द्र आदि ने सपरिवार उतारी. मंच संचालन जय शंकर शर्मा ने किया।
काशी के लोग अपने सांसद से करें पुरजोर अपील
देवकीनंदन ने कहा कि आप सभी अपने क्षेत्र के एमपी एमएलए से पूछिए कि सब सनातन बोर्ड कब बनेगा। उन्होंने कहा कि अगर पूरा बनारस ही अपने सांसद के आगे अपने धर्म और सनातन बोर्ड के लिए रोने लग जाए तो पूरे दुनिया भर का कार्य आप कर लोगे। सनातनियों की रक्षा का कार्य आप कर लोगे