गुरु पर्व पर बोले PM मोदी- कच्छ के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही उनकी सरकार

गुरु पर्व पर बोले PM मोदी- कच्छ के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही उनकी सरकार

(रणभेरी): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के कच्छ में गुरुद्वारा लखपत साहिब में आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गुरुपरब समारोह को संबोधित किया। हर साल 23 दिसंबर से 25 दिसंबर तक गुजरात के सिख लखपत साहिब गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी का गुरु पर्व मनाते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में गुरुद्वारों ने समाज की बहुत सेवा की। गुजरात के लिए हमेशा गौरव की बात रही है कि खालसा पंथ की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वालों में एक गुजरात के ही थे। कहा कि हमारे देश में जब गुरु नानक देव जी ने अवतार लिया था। तमाम विडंबनाएं और रूढियां थीं। बाहरी हमले हो रहे थे। अत्याचार भारत का मनोबल तोड़ रहे थे। जो भारत विश्व का भौतिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन करता था, वह स्वयं संकट में था। उस समय गुरु नानक देव जी ने अपना प्रकाश न फैलाया जाता, तो क्या होता? गुरु नानक देवी जी के बाद भी सभी गुरुओं ने भारत को सुरक्षित रखने का मार्ग बनाया।गुरु नानक देव जी अपनी यात्रा के दौरान लखपत में ठहरे थे। गुरुद्वारा लखपत साहिब में उनकी कुछ वस्तुएं रखी हुई हैं, जैसे खड़ाऊं और पालकी सहित पांडुलिपियां और गुरुमुखी लिपि।’

दिसंबर के महीने में ‘वर्ष 2001 में गुजरात के कच्छ में भीषण भूकंप आया था। भूकंप के दौरान गुरुद्वारा को क्षति पहुंची थी। नरेन्द्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने गुरुद्वारे की मरम्मत का काम तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए। सिख पंथ के प्रति पीएम मोदी की आस्था हमेशा से रही है। उनकी आस्था हाल के अन्य अवसरों पर भी नजर आई, जैसे गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व, गुरु गोबिन्द सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व और गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व। गुरुद्वारा लखपत साहिब समय की हर गति का साक्षी रहा है। आज जब मैं इस पवित्र स्थान से जुड़ रहा हूँ, तो मुझे याद आ रहा है कि अतीत में लखपत साहिब ने कैसे कैसे झंझावातों को देखा है। एक समय ये स्थान दूसरे देशों में जाने के लिए, व्यापार के लिए एक प्रमुख केंद्र होता था यहां प्राचीन लेखन शैली से यहां की दीवारों पर गुरूवाणी अंकित की गई।