TRAI की रजत जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने जारी किया डाक टिकट, बोले- ये आत्मनिभर्रता की दिशा में अहम कदम
(रणभेरी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के रजत जयंती समारोह का शुभारंभ किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने एक डाक टिकट भी जारी किया। पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में आठ संस्थानों की बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित 5जी टेस्ट बेड का भी शुभारंभ किया। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के रजत जयंती समारोह के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि 5G टेक्नोलॉजी देश की गवर्नेंस में, जीने व कारोबार की सुगमता सकारात्मक बदलाव लाने वाली है। 5Gi के रूप में जो देश का अपना 5G standard बनाया है, वो देश के लिए बहुत गर्व की बात है।ये देश के गांवों में 5G टेक्नोलॉजी पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स, हर सेक्टर में ग्रोथ को बल मिलेगा। इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोज़गार के भी अनेक अवसर बनेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, 'ये सुखद सहयोग है कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 25 वर्ष पूरे किए हैं। आज देश आजादी के अमृत काल में अगले 25 वर्ष के रोड मैप पर काम कर रहा है। थोड़ी देर पहले मुझे देश को खुद से निर्मित 5G-Testbed राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिला है।मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता और स्वस्थ स्पर्धा कैसे समाज में, अर्थव्यवस्था में गुणात्मक प्रभाव पैदा करती है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण हमारा टेलिकॉम सेक्टर है। 2G काल की निराशा, हताशा, करप्शन, पॉलिसी पैरालिसिस से बाहर निकलकर देश ने 3G से 4G और अब 5G और 6G की तरफ तेज़ी से कदम बढ़ाए हैं।
पीएम ने कहा कि 2014 से पहले भारत में 100 ग्राम पंचायतें भी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी से नहीं जुड़ी थीं। आज हम करीब पौने दो लाख ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचा चुके हैं। कुछ समय पहले सरकार ने देश के नक्सल प्रभावित अनेक जनजातीय जिलों में 4जी सुविधा पहुंचाने की बड़ी शुरुआत की है। बीते वर्षों में सरकार जिस तरह नई सोच और एप्रोच के साथ काम कर रही है। बता दें कि ट्राई की स्थापना 1997 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 के माध्यम से हुई थी। जिसके 25 साल पूरे हो गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में विकसित 5G टेस्ट बेड का शुभारंभ किया है। इस प्रोजेक्ट में आईआईटी मद्रास के साथ आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर, IISc बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च और सेंटर आफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी शामिल हैं।