साल के अंतिम 'मन की बात' कार्यक्रम को पीएम ने किया संबोधित

साल के अंतिम 'मन की बात' कार्यक्रम को पीएम ने किया संबोधित

फिर से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, मास्क पहनने और सतर्क रहने की है सख्त जरूरत- पीएम मोदी 

(रणभेरी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज साल 2022 की आखिरी मन की बात को संबोधित किया। मन की बात के अपने 96वें एपिसोड में पीएम ने साल 2022 में भारत की विकास यात्रा के बारे में बात की। पीएम ने कहा कि यह साल हर क्षेत्र में भारत के विकास की गाथा लिखने का साल है। पीएम ने कहा वर्ष 2022 में भारत का बोलबाला दुनिया में दिखा। पीएम ने इसी के साथ लोगों से कोरोना के खिलाफ सावधानी बरतने को कहा। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण फिर से बढ़ रहा है. ऐसी स्थिति में हम भारतीयों को मास्क पहनने और हाथ धोने जैसी सावधानियों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। मंथली रेडियो प्रोग्राम मन की बात के 96वें एडिशन में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस साल का अवलोकन करते हुए कहा कि 2022 कई मायनों में प्रेरक और अद्भुत रहा।  इस साल भारत ने आज़ादी के 75 साल पूरे किए और इसी साल अमृत काल का प्रारंभ हुआ। 

इस साल भारत ने आजादी के 75 साल पूरे किए और इसी साल अमृत काल का प्रारंभ हुआ। पीएम ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष को मनाने के तिरंगा अभियान में भारत में एकजुटता दिखी और पूरा देश तिरंगामय हो गया। मोदी ने कहा कि 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने तिरंगे के साथ सेल्फी भी ली। पीएम ने कहा कि मां गंगा की सफाई के लिए सभी लोगों को आगे आना होगा। सरकार द्वारा गंगा की सफाई के लिए चलाए गए नमामि गंगे मिशन ने जैव विविधता में सुधार करने में भी मदद की है। पीएम ने बताया कि UN ने भी इस मिशन को इकोसिस्टम की बेहतरी के लिए की गई दुनिया के टॉप 10 पहल में शामिल किया है। पीएम ने आगे कहा कि 'स्वच्छता मिशन' को हर भारतीय की तरफ से पूरा स्पोर्ट मिल रहा है।

मन की बात ने पीएम मोदी ने कहा कि हम आज संकल्प ले रहे हैं कि हम टीबी को भारत से खत्म कर देंगे। पीएम ने कहा कि हमारी सरकार 2025 तक टीबी मुक्त देश की संकल्पना पर तेजी से काम कर रही है। आज पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की 98वीं जयंती है, मोदी ने भी पूर्व पीएम को याद करते हुए कहा कि वाजपेयी शिक्षा, विदेश नीति और इंफ्रास्ट्रक्चर सहित हर क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले एक बड़े राजनेता थे जिन्हें कई लोग अपना आदर्श मानते हैं।