महाशिवरात्रि पर 5 अखाड़ों की एक साथ निकलेगी पेशवाई

महाशिवरात्रि पर 5 अखाड़ों की एक साथ निकलेगी पेशवाई

वाराणसी (रणभेरी सं.)। महाकुंभ के चलते इस बार महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस बार तीन ग्रहों की युति का योग बन रहा है। ऐसे में काशी 30 लाख की भीड़ आने की संभावना है। बड़ी संख्या में साधु - संत व नागा, संन्यासी तो पहले ही आ चुके हैं। ऐसे में महाशिवरात्रि पर काशी में महाकुंभ जैसा नजारा देखने को मिलेगा। महाकुंभ में पहुंचे 13 में से पांच अखाड़े एक साथ विश्वनाथ दरबार में दर्शन करेंगे। एक साथ इनकी पेशवाई भी निकलेगी। दो आचार्य महामंडलेश्वर की अगुवाई में राजसी यात्रा हनुमानघाट एवं शिवाला से निकालेगी। इस बार ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी शामिल होंगे। अखाड़ों ने हनुमान घाट पर अखाड़े में बैठक कर पेशवाई की रूपरेखा तय की। आपसी सहमति पर श्रीशंभु पंचदशनाम जूना अखाड़ा, आवाहन, अग्नि, निरंजनी एवं अटल अखाड़े एक साथ पेशवाई निकालकर बाबा दरबार में दर्शन का कार्यक्रम तय किया है। 

पेशवाई में शामिल होगा 20 रथ

इसके पहले निरंजनी और अटल अखाड़े एक साथ पेशवाई निकालकर दर्शन करते थे। जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरि महाराज ने बताया कि जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशनंद महाराज एवं निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज की अगुवाई में पेशवाई निकाली जाएगी। इसमें डमरू वादन, बैंडबाजा के अलावा करीब 20 रथ होंगे। इस पर महामंडलेश्वर, श्रीमहंत आदि पदाधिकारी विराजमान होंगे।

नागा साधुओं की निकलेगी पेशवाई

महाशविरात्रि पर 26 फरवरी को नागा साधुओं की पेशवाई सुबह 7 बजे हनुमान घाट से निकलेगी। काशी विश्वनाथ मंदिर में उनके दर्शन पूजन के लिए सुबह 8 से 10 बजे तक का समय आरक्षित किया गया है। यह निर्णय डीएम एस. राजलिंगम और जूना अखाड़ा के पदाधिकारियों के बीच हनुमान घाट स्थित मठ में हुई बैठक में किया गया। जूना अखाड़ा के साथ अग्नि और आवाहन अखाड़ा के नागा साधु भी शामिल होंगे।

महाशिवरात्रि के लिए काशी विश्वनाथ में विशेष तैयारी

महाकुंभ के पावन पर्व में पड़ रही महाशिवरात्रि के लिए श्री काशी विश्वनाथ धाम में विशेष तैयारियां की जा रही हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए मंदिर न्यास प्रत्येक बिंदु पर पुख्ता इंतजाम कर रहा है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण ने महाशिवरात्रि की व्यवस्था की जानकारी देते हुए बताया कि महाकुंभ की पुनीत बेला की महाशिवरात्रि पर इस वर्ष भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना है। इसको लेकर मंदिर में तैयारियां शुरू हो गई है।

लगातार 46:30 घंटे दर्शन देंगे बाबा विश्वनाथ

महाशिवरात्रि पर श्रीकाशी विश्वनाथ लगातार 46.30 घंटे तक श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। 26 फरवरी को अलसुबह 2.30 बजे मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके बाद 28 फरवरी की रात एक बजे तक बाबा श्रद्धालुओं को झांकी दर्शन होंगे। यानी बाबा विश्वनाथ 26 से  28 फरवरी के बीच सिर्फ डेढ़ घंटे विश्राम करेंगे। महाशिवरात्रि पर सप्तऋषि और शृंगार आरती नहीं होगी। इस बीच 26 फरवरी की रात आठ घंटे तक मंदिर परिसर में ही बाबा के विवाहोत्सव की रस्में निभाई जाएंगी। बाबा का शृंगार और पूजन होगा। महाशिवरात्रि पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। 14 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। ऐसे में बाबा लगातार दो दिन तक श्रद्धालुओं को दर्शन देते रहेंगे। महाशिवरात्रि पर बाबा के शृंगार, पूजन और आरती में बदलाव किया गया है। पूरी रात मंदिर का गर्भगृह खुला रहेगा। मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि 26 फरवरी को अलसुबह में 2.30 बजे मंगला आरती होगी। मंगला आरती के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके बाद लगातार बाबा श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।