काशी में हमारे राम का हुआ मंचन 

काशी में हमारे राम का हुआ मंचन 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। काशी में अभिनेता आशुतोष राणा ने हमारे राम का मंचन किया। कार्यक्रम का आयोजन रुद्राक्ष सेंटर में आयोजित किया गया। इस नाटक में हमारे राम एक बड़े पैमाने पर थिएट्रिकल अनुभव रहा, जो असाधारण प्रदर्शन, बातचीत, प्रकाश, संगीत, अविनाशी कॉस्ट्यूम, विशेष प्रभाव और बड़े दृश्य के साथ भरा रहा। सरल भाषा और कविता में संवादों ने नाटक को रोचक बनाया जिसे देख दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने हर-हर महादेव का जयघोष किया। नाटक की शुरूआत लव और कुश की मौजूदगी में उनकी मां सीता के भूमि की बाहों में अंतिम शरण लेने से होती है। नाराज बेटे अपनी मां सीता को लेकर भगवान राम से कई गंभीर सवाल करते हैं। प्रभु के दृष्टिकोण से नाटक हमारे राम दर्शकों को भगवान राम, सीता और उनके शाश्वत प्रेम, कठिनाइयों की यात्रा पर ले जाता है। इसके पश्चात रावण के किरदार में अभिनेता आशुतोष राणा द्वारा शिव पूजन की प्रस्तुति भक्ति के भाव से लोगों को जोड़ती है। महाकाव्य रामायण के अनेक प्रसंग इस नाटक में नारी सम्मान को भी प्रदर्शित करते हैं।आधुनिक टेक्नॉलॉजी का प्रयोग दर्शकों को खूब जमा

हमारे राम नाट्य प्रस्तुति में एक भव्य नाटकीय अनुभव देखने को मिला। इसने भगवान राम की कालजयी कहानी को एलईडी एवं अन्य लाइटों के मदद से प्रस्तुत किया गया। नाटिका में रावण के रूप में आशुतोष राणा, श्री राम के रूप में राहुल आर भूचर, शिव जी के रूप में तरुण खन्ना, माता सीता के रूप में हरलीन कौर आदि कलाकारों ने विभिन्न भूमिका निभाई।

राम के आचरणों को धारण करना जरूरी

आशुतोष कहते हैं कि हम सभी श्री राम के गुण गा रहे हैं, मगर हम केवल उनके चरणों तक ही सीमित रह जाते हैं और उनके आचरणों को धारण नहीं करते हैं।

 जिस दिन हम श्री राम के आचरणों को भी अपने अंदर धारण कर लेंगे उस दिन हमारे अंदर का रावण मर जाएगा। मंचन के दौरान एक्टिंग और प्रसंग में हल्के ट्विस्ट से रावण की शिवभक्ति को आशुतोष ने साकार कर दिया। इसी सीन में उन्होंने अपनी आवाज में संस्कृत की जगह हिंदी में शिव तांडव स्तोत्र भी गाया... ङ्घसदैव सर्वमंगला कला के शीर्ष देवता, वही विनाश काल हैं वही जनक जनक सदा कृतज्ञता में नाम ये जपें सदा शिव:शिवम तरल,अनल, गगन, पवन, धरा, धरा शिव:शिवम