महादेव ही बदल सकते हैं भाग्य का लेखा : प्रदीप मिश्रा
वाराणसी (रणभेरी सं.)। बाबा विश्वनाथ के एक बार दर्शन से 10 अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त हो जाता है। वहीं अन्य सभी यज्ञों का हजारों-हजार गुना फल दर्शन करने वाले को प्राप्त हो जाता है। यह बातें मध्यप्रदेश के सीहोर से आए कथावाचक पं. प्रदीप मिश्र ने कहीं। वह सोमवार को गंगा पार डोमरी में हो रही श्रीशिवमहापुराण कथा के छठे दिन प्रवचन कर रहे थे। श्रीसातुआ बाबा गौशाला डोमरी में महामंडलेश्वर संतोष दास सातुआ बाबा के सानिध्य में हो रही कथा में उन्होंने कहा भाग का लेख बदलने की क्षमता सिर्फ महादेव में है। शिव की महिमा का वर्णन करने वाली पारो नाम की महिला की कथा सुनाई। गरीबी में गुजारा करने वाली पारो के बच्चे ने उससे कहा कि हमारे पास कुछ नहीं है। बच्चे को बल देते हुए पारो ने कहा हमारे पास भगवान की शक्ति और उनका नाम है। तू नारायण की भक्ति कर। लक्ष्मी जी के कहने पर नारायण ने उसे हीरे का हार दे दिया। उसने ब्रह्मा पूजा तो उन्होंने एक अंगूठी दे दी। लौटते वक्त पानी पीते समय बच्चे की अंगूठी जल में गिर गई। बच्चा रोने लगा तो मां ने समझाया तू शंकर के पास चल। बच्चा बोला वो भला हमें सोना-चांदी कहां से देंगे। वे तो खुद ही औघड़ संत हैं। मां ने कहा वो हमें सोना-चांदी नहीं देंगे लेकिन वही एकमात्र हैं जो तेरे भाग्य बदल देंगे। ब्रह्मा का लेखा बदलने की शक्ति सिर्फ और सिर्फ महादेव के पास ही है।
शिव के चौखट को प्रणाम करके ही अंदर जाएं
कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्र ने कहा कि जब भी आप शिव के मंदिर में जाएं तो चौखट को प्रणाम करके ही अंदर जाना चाहिए। जिसने भगवान शिव के नाम की माला जपनी शुरू कर दी वह मालामाल हो जाएगा। चिंता छोड़कर चिंतन की ओर बढ़ें। कभी भी चौखट पर पांव नहीं रखना चाहिए। चौखट लांघकर ही जाना चाहिए। पं. मिश्र ने श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन, हनुमान चालीसा व श्रीराम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में के साथ गणेश वंदना और ऊं नम: शिवाय की धुनी से कथा का आरंभ किया। शिव धुनी में श्रोता मंत्र मुग्ध होकर झूमते रहे। उसके ऊपर शहनाई की धुन लोगों को थिरकने से रोक नहीं पाई और कथा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। उन्होंने कहा कि दस अश्वमेध यज्ञ का फल एक बार बाबा विश्वनाथ के दर्शन से मिल जाता है। कहते हैं कि हजारों हजार यज्ञ का फल शिवलिंग के दर्शन से मिल जाता है। शिव महापुराण की कथा में पारो की कहानी के बारे में बताया कि किस प्रकार भगवान शिव की कृपा से पारो का जीवन बदल गया।
सुनाई काशी की महिमा
काशी का वर्णन करते हुए कहा कि मां पार्वती को लेकर भगवान भोले शंकर काशी आए। उन्होंने भगवती पार्वती को इस भूमिका दर्शन कराते हुए कहा कि इसका दर्शन कीजिए यह सहज भूमि नहीं है। इसका दर्शन मात्र सारे पापों को क्षीण कर देता है। कथा के अंत में भगवान भोलेनाथ की झांकी और आरती के साथ कथा का समापन हुआ।
किया शिवनाम संकीर्तन
शिव महापुराण कथा के प्रारंभ से पहले गणेश वंदना, ह्यओम नम: शिवाय का संकीर्तन, हनुमान चालीसा, ह्यश्रीरामचंद्र कृपाल भजमन एवं ह्यश्रीराम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में भजन संगीत मंडली ने प्रस्तुत किए। शिवनाम संकीर्तन के दौरान भक्तगण आनंदन विभोर होकर नृत्य करने लगे।
कथा के बीच पहुंचे सीएम योगी
कथा के बीच यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे। व्यास पीठ पं. प्रदीप मिश्रा के पास ही योगी का आसन लगा। उट योगी ने कहा कौन कहता है कि हम आपस में बंटे हैं, कहां जातिवाद है, कहां संप्रदाय का वाद है, कहां उपासना विधि का विवाद है... हम तो सब एक होकर इस कथा के जरिए राष्ट्रवाद में खुद को राष्ट्र के लिए समर्पित कर रहे हैं। एक धर्म योद्धा की तरह... ये कथा इसका एक उदाहरण है। कथा के अंत में भगवान भोलेनाथ की झांकी व आरती के साथ कथा का समापन हुआ। इस अवसर पर 4 लाख की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।