सावन के तीसरे सोमवार की भक्ति में डूबी काशी, कांवड़ियों पर बरसे फूल, मंदिर के बाहर लगी लंबी कतार

 सावन के तीसरे सोमवार की भक्ति में डूबी काशी, कांवड़ियों पर बरसे फूल, मंदिर के बाहर लगी लंबी कतार

वाराणसी (रणभेरी): सावन के तीसरे सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही मंदिर के बाहर करीब 3 किलोमीटर लंबी लाइन लग गई, जिसमें श्रद्धालु "हर हर महादेव" के जयघोष करते हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन को आतुर नजर आए। सावन की इस पुण्य बेला में श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा कर स्वागत करना प्रशासन और मंदिर प्रबंधन की एक विशेष पहल रही। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र सहित अन्य अधिकारियों ने गोदौलिया और मैदागिन से आने वाले कांवड़ियों पर पुष्पों की वर्षा की, जिससे भक्तों का उत्साह और श्रद्धा चरम पर पहुंच गई।

बाबा ने मंगला आरती में धारण किया स्वर्ण मुकुट

सावन सोमवार की शुरुआत मंदिर में भव्य मंगला आरती से हुई, जिसमें बाबा विश्वनाथ ने स्वर्ण मुकुट धारण किया। आरती के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष दर्शन व्यवस्था की गई। भीड़ को देखते हुए परिसर में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी, स्वच्छता व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण हेतु प्रभावी प्रबंध किए गए।

आज बाबा देंगे अर्धनारीश्वर स्वरूप में दर्शन

मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि श्रावण मास के तीसरे सोमवार को बाबा विश्वनाथ का अर्धनारीश्वर रूप में विशेष श्रृंगार किया गया है। नियमित दर्शन करने वाले नेमी कार्ड धारकों को सुबह 4 से 5 और शाम 4 से 5 बजे तक काशी द्वार से दर्शन की सुविधा दी गई।

पुलिस प्रशासन रहा पूरी तरह सतर्क

श्रावण सोमवार के मौके पर वाराणसी में दर्शनार्थियों और कांवड़ियों की भारी भीड़ को देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस पूरी तरह सतर्क रही। अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था एवं मुख्यालय) शिवहरी मीना ने खुद मैदागिन, गोदौलिया, दशाश्वमेध घाट, चौक और काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण संबंधी आवश्यक निर्देश भी दिए।

काशी में सावन का रंग चढ़ा पूरे शबाब पर

सावन के तीसरे सोमवार पर काशी नगरी पूरी तरह भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंगी नजर आई। चारों ओर "बम बम भोले" और "हर हर महादेव" के जयकारे गूंजते रहे। श्रद्धालु कांवड़ लेकर गंगा घाटों से जल भरकर बाबा के दर्शन के लिए उमड़े और पूरे शहर में भक्ति की एक अद्वितीय छटा बिखर गई।