ओलिंपियन ललित ने प्रदेश सरकार की ठुकराई नौकरी, बोले- मुझे OSD बना रहे, ये कैसा सम्मान

ओलिंपियन ललित ने प्रदेश सरकार की ठुकराई नौकरी, बोले- मुझे OSD बना रहे, ये कैसा सम्मान

वाराणसी (रणभेरी): टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली हॉकी टीम के सदस्य और अर्जुन अवार्डी ललित कुमार उपाध्याय  ने प्रदेश सरकार की ओर से पुलिस विभाग में ओएसडी की नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया है। ललित का कहना है कि प्रदेश सरकार की ओर से दी गई नौकरी के लिए नियम और शर्तें अजीबोगरीब हैं। 24 दिसंबर को जब मैं बांग्लादेश के दौरे से लौट रहा था तो उसी दौरान मुझे फोन आया कि आप कब तक ज्वाइन करने आ रहे हैं। 

इसके बाद मैं लखनऊ गया और मैंने ओएसडी की जॉब प्रोफाइल के बारे में पता किया।बताया गया कि ओएसडी की इस नौकरी में ना तो मुझे प्रमोशन मिलेगा और ना ही पुलिस की यूनिफार्म। नौकरी के लिए शासन की ओर से भेजे गए पत्र में पद को भी अस्थायी बताया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह पुलिस विभाग में पुलिस के समकक्ष नौकरी है। मैंने अधिकारियों से कहा कि मैं यह पद स्वीकार नहीं कर सकता। ललित वाराणसी के शिवपुर क्षेत्र के भगतपुर गांव के रहने वाले हैं।

साथ ही उन्होंने कहा कि अगर नौकरी देनी ही है तो मुझे सीधी भर्ती दे दें या फिर स्पोर्ट्स में नौकरी दे दें। मैं प्रदेश में अपने लोगों की सेवा करने के लिए नौकरी करना चाहता हूं। अभी मैं बीपीसीएल में मैनेजर के पद पर नौकरी कर रहा हूं। ओलंपिक में खेलने के बाद दूसरे प्रदेशों में खिलाड़ियों को ढेर सारी सुविधाएं और नौकरी दी गई हैं, लेकिन अपने प्रदेश में ऐसा नहीं हो रहा है।

ललित का कहना है कि ललित ने कहा कि नौकरी मैं पैसे के लिए नहीं करना चाहता हूं। मेरा उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश में हॉकी खेलने वाले नए लड़के प्रभावित हों। इस खेल का और प्रदेश व देश का मान बढ़े। इसलिए हमने पुलिस विभाग में अस्थायी OSD की नौकरी स्वीकार नहीं की है। बाकी, उत्तर प्रदेश सरकार जाने कि उसे अपने राज्य के ओलंपियन के साथ कैसा बरताव करना है?