ग्रामीण इलाकों में निर्भया को किया गया याद

ग्रामीण इलाकों में निर्भया को किया गया याद

वाराणसी (रणभेरी सं.)। देश की बेटी 'निर्भया' के साथ जो हिंसा दिल्ली में हुई थी। उसे आज 12 साल पूरे हो गए। ऐसे में वाराणसी में शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में निर्भया दिवस मनाया गया और देश की बेटी निर्भया को श्रद्धांजलि देते हुए देश में बढ़ रहे महिला हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई और मशाल जुलूस के साथ ही साथ जगह-जगह बैठकें की।

ऐसे में ग्राम पंचायत मिसिरपुर में दखल संस्था ने LGBT  समुदाय के साथ मशाल जुलूस निकालकर आवाज बुलंद की। वहीं ग्रामीण औरतों के साथ लोक समिति ने जिला मुख्यालय से कचहरी तक मशाल जुलूस निकालकर देश के लोगों को महिला सशक्तिकरण और महिला शक्ति का संदेश दिया

संविधान रक्षा का लिया संकल्प

सोमवार की शाम 6 बजे आराजी लाइन और सेवापुरी ब्लाक के कई गांव से आई महिलाओं ने बहादुर लड़की निर्भया को याद करते हुए रात पर भी अपना दावा पेश करने के लिए 16 दिसंबर को अंधेरा होते ही सड़कों पर मशाल जलाते हुए आजादी के गीत गाते हुए जुलूस निकाला। जुलूस का नारा था-दिन है मेरा, रात भी मेरी, प्रकृति की हर रंगत मेरी। यह मशाल जुलूस शास्त्री घाट वरुणापुल से प्रारंभ होकर गोलघर कचहरी होते हुए अंबेडकर पार्क तक पहुंचा जहां लोगों ने आंबेडकर प्रतिमा के सामने दीप जलाकर महिलाओं की सुरक्षा और संविधान रक्षा का संकल्प लिया। 

12 सालों में कमी की जगह वृद्धि हुई है महिला हिंसा में

आज के ही दिन देश की राजधानी दिल्ली में हुए विभत्स निर्भया गैंगरेप को 12 साल हो गए। इन 12 सालों के आंकड़ो पर गौर करें तो महिलाओं के खिलाफ हिंसा और बलात्कार जैसे मामलों में वृद्धि ही हुई है। हाथरस, उन्नाव, कठुआ, बिलकिस बानो, RG  से लेकर IIT BHU तक ऐसी घटनाओं की लंबी लिस्ट है।

गृह मंत्रालय का आंकड़ा कहता है। 2012 में हर दिन 68 महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं होती थी। जो महज 6 साल बाद यानि 2018 में बढ़कर 91 हो गयीं। जबकि ये वो आंकड़े है जो रजिस्टर्ड है। संयुक्त राष्ट्र (वुमेन) के आंकड़ें कहते हैं कि देश की राजधानी दिल्ली में भी 95 प्रतिशत महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं।