अनंत है 'मां' का महत्त्व - डा. अर्पिता वीर चौरसिया

अनंत है 'मां' का महत्त्व - डा. अर्पिता वीर चौरसिया
अनंत है 'मां' का महत्त्व - डा. अर्पिता वीर चौरसिया
अनंत है 'मां' का महत्त्व - डा. अर्पिता वीर चौरसिया

"मां ईश्वर का दिया हुआ सबसे बड़ा आशीर्वाद हैं। एक मां का अपने बच्चों के प्रति जो निःस्वार्थ प्रेम होता है, उसकी तुलना इस दुनिया में किसी और चीज से नहीं की जा सकती है..."

वाराणसी (रणभेरी) । हर साल मई के दूसरे संडे को मदर्स डे पूरी दुनिया में काफी खास और अनोखे तरीकों से मनाया जाता है। इस वर्ष ये खास दिन 12 मई को मनाया गया। यह दिन सभी माताओं को सम्मान और उनका आभार जताने का खास अवसर होता है। 'मां' वह शब्द हैं जो दुनिया के हर इंसान के लिए सबसे खास होता है। मां और बच्चों का रिश्ता सबसे प्यारा होता है। मां का प्यार वह ईंधन है जो एक सामान्य इंसान को असंभव काम करने में सक्षम बनाता है। जिससे उसकी गाड़ी सफलता की पटरी पर दौड़ने लगती है। हम सभी के जीवन में मां का स्थान सबसे उपर होता है। क्योंकि, मां वो पहली गुरु होती हैं जो हमें चलना, बोलना और प्यार करना सिखाती है ।
इस वर्ष मदर्स डे के ख़ास मौके पर वाराणसी से प्रकाशित हिंदी सांध्य दैनिक समाचार पत्र ने तमाम चुनौतियों के बीच सामाजिक एवं व्यवसायिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के साथ-साथ अपने बच्चों के प्रति ममत्व कायम रखने वाली उन माताओं का सम्मान किया जो चुनौतियों को पार करते हुये निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं। 
रणभेरी परिवार की ओर से वाराणसी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डा. अर्पिता वीर चौरसिया को सम्मानित किया गया। डा. अर्पिता वीर चौरसिया को रणभेरी मीडिया वेंचर प्राईवेट लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर व अखबार की सम्पादक डा.शुमैला आफ़रीन ने सम्मानित किया। शिक्षा के साथ-साथ  सांस्कृतिक व सामाजिक क्षेत्र में विशेष सक्रियता के साथ-साथ एक "मां" की जिम्मेदारियों का बख़ूब निर्वहन करने के लिए डा. अर्पिता वीर चौरसिया को मदर्स डे के अवसर पर डा.शुमैला आफ़रीन ने रणभेरी परिवार की ओर से बधाई दी। 
इस मौके पर डा. अर्पिता वीर चौरसिया ने कहा कि 'माँ'.... यह शब्द छोटा है लेकिन इसका महत्व अनंत है। माँ, ऐसा शब्द है जो हर दिल में अपनी एक खास जगह बना लेता है। माँ के बिना जीना ही अपने आप में अधूरा है। माँ,शक्ति का प्रतीक है, स्नेह का सागर है, और ममता का रूप है,ये मुझे मेरी मां की परवरिश और संस्कार से प्राप्त हुआ जो की आज मैं वही संस्कार अपने बच्चे को दे पा रही हूं।
मैं एक शिक्षिका जो कि फैशन फिल्ड से हूं, पर मेरे लिए सबसे पहले मेरे बेटे की शिक्षिका होना सब कुछ है। माँ बनने का आनंद, किसी शब्दों में बयान नही किया जा सकता। जब मैं अपने बेटे को देखती हूँ, तब मुझे लगता है कि हर कदम पर एक नई सीख है,उसकी नई जिंदगी का पहला पड़ाव है। माँ बनने का मतलब है अपने बच्चे को हर रूप में समझना और उन्हें सब कुछ सिखाना। बच्चे सिखाते नहीं, बल्कि माँ उन्हें सिखाती है। माँ का प्यार, उसका समर्पण, उसका बलिदान, सब कुछ एक साथ होता है।मैं एक वर्किंग वुमन हूँ, और मैंने सीखा है कि जिंदगी में सब कुछ बैलेंस रखना कितना ज़रूरी है। घर और काम, दोनों को सही तरीके से संभालना एक मुश्किल काम है, लेकिन माँ होने का सबक यह सिखाता है कि कैसे हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।