अचार के बीच बिहार भेजी जा रही शराब

अचार के नाम पर बुक 16 पार्सल पैकेट में 32 कनस्तर से 283 बोतल शराब बरामद, जीआरपी ने एक को लिया हिरासत में
कैंट स्टेशन पर पार्सल पैकेट की बुकिंग के बाद संदेह होने पर हुआ राजफाश, सभी पैकेटों की दोबारा कराई गई स्कैनिंग
वाराणसी (रणभेरी) : वाराणसी कैंट स्टेशन पर गुरुवार की शाम पार्सल कार्यालय के कर्मचारियों की सतर्कता से एक बड़ी शराब तस्करी का भंडाफोड़ हुआ। आचार के नाम पर बुक कराए गए पैकेटों की जब स्कैनिंग की गई, तो उनमें शराब की बोतलें नजर आईं। कर्मचारियों ने तुरंत स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता को सूचना दी। इसके बाद जीआरपी, आरपीएफ और सीआईबी की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और पार्सल पैकेटों की जांच शुरू की।
जांच के दौरान 16 पार्सल पैकेटों से हरियाणा ब्रांड की 288 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद की गई। इन पैकेटों को बिहार की राजधानी पटना भेजने की तैयारी थी। बरामद शराब की कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बावजूद तस्करों ने चुनावी माहौल का फायदा उठाकर खपत बढ़ने की संभावना देखते हुए यह खेप भेजने की कोशिश की थी। इस कार्रवाई में एक युवक को हिरासत में लिया गया है, जिससे जीआरपी पूछताछ कर रही है। पुलिस इस बात की पड़ताल कर रही है कि शराब किन माध्यमों से वाराणसी तक लाई गई और इसे किस नेटवर्क के जरिए पटना पहुंचाया जाना था। साथ ही, बिल्टी लेने वाले व्यक्ति की पहचान और उसके नेटवर्क का भी पता लगाया जा रहा है।
स्टेशन निदेशक ने मौके पर पहुंचकर बिल्टी को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश दिया। सूत्रों का कहना है कि दो दिन पहले भी इसी तरह के पैकेट पार्सल कार्यालय में बुक कराए गए थे। इस जानकारी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि तस्करों का एक संगठित गिरोह लगातार रेलवे मार्ग से शराब की खेप बिहार भेज रहा है। बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से ही शराब की अवैध तस्करी के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। लेकिन आचार जैसे सामान के नाम पर शराब भेजने की चाल पहली बार पकड़ी गई है।
चुनावी माहौल और त्योहारों के सीजन में इस तरह की तस्करी के बढ़ने की आशंका से प्रशासन सतर्क हो गया है। जीआरपी कैंट ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। आगे की जांच में यह खुलासा हो सकता है कि तस्करी के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं और अब तक कितनी खेप सफलतापूर्वक बिहार भेजी जा चुकी है। यह कार्रवाई जहां रेलवे की सुरक्षा एजेंसियों की सजगता को दर्शाती है, वहीं यह भी साफ करती है कि शराब माफिया लगातार नए-नए हथकंडे अपनाकर कानून को चुनौती दे रहे हैं।
रेलकर्मियों की सक्रियता से बड़ी मात्रा में शराब पकड़ी गई है। आरपीएफ और जीआरपी के स्तर पर कार्रवाई चल रही है। स्कैनिग मशीन में शराब क्यों नहीं दिखी, इसकी जांच कराई जाएगी।