आए दिन जाती है जान फिर भी नहीं चेत रहा इंसान
वाराणसी (रणभेरी सं.)। तमाम ट्रेन से हादसों के बाद भी लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। आए दिन ट्रेन से गिरकर या कटकर लोग अपनी जान गवां रहे हैं। लेकिन, इसके बाद भी वाराणसी जंक्शन पर लोग अपनी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। अभी रविवार को ही बड़ागांव थाना क्षेत्र के बीरापट्टी स्टेशन के पास एक दर्दनाक घटना घटी, जहां मरुधर एक्सप्रेस की चपेट में आकर एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों में पति, पत्नी और उनके दो बच्चे शामिल हैं। शव ट्रैक पर बुरी तरह क्षत-विक्षत हालत में मिले। वाराणसी जंक्शन का भी हाल यह है कि यहां आने वाले लोगों को अपनी जान का जरा भी डर नहीं है। स्टेशन में हो रही घटनाओं का खौफ भी लोगों में नहीं है। चलती हुए ट्रेन में कई यात्री ट्रेन की सीढ में बैठे होते हैं। जब उनसे पूछा जाता कि वह इस तरह जान जोखिम में डाल कर क्यों बैठे हैं तो उनका जवाब रहता कि वह अक्सर ऐसे सफर करते हैं। कुछ नहीं होता है। इतना ही नहीं कभी कभार दो ट्रेन के बीच से व्यक्ति स्टंट करते हुए नजर आ जाते हैं। दो अलग-अलग पटरी से ट्रेन जाती है और लोग बीच वाली पटरी से आराम से निकल रहा होता है। जैसे कि वह खाली सड़क पर चल रहा हो।
बिना डर पार करते हैं पटरियां
इतना ही नहीं अपनी जान को जोखिम में डाल कर लोग निकलती हुई ट्रेन के सामने पटरी पार भी करते हैं। ब्रिज पर न चढ?ा पड़े, इसलिए थोड़ी मेहनत न करने के लिए वह जोखिम भरा रास्ता अपनाते हैं। कई बार तो वह हादसे का शिकार भी हो जाते हैं, पर उसके बाद भी वह इस तरह की हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
ये है सजा
यदि आप कुछ मिनट बचाने के लिए या फुट ओवरब्रिज न चढ के आलस के चलते रेल की पटरी पार करने का प्रयास करते हैं तो आपको जेल जाना पड़ सकता है। रेल की पटरियों को पार करना कानूनी तौर पर भी अपराध है। रेलवे अधिनियम की धारा 147 के तहत रेल की पटरियों को पार करने के अपराध में व्यक्ति को पकड़ा जा सकता है। ऐसा करते हुए पाए जाने पर व्यक्ति को 6 महीने तक की सजा हो सकती है। वहीं 1000 रुपये तक जुमार्ने का भी प्रावधान है।
रेल पटरियों को करें ध्यान से पार
रेलवे स्टेशन के आसपास की दुनिया हमेशा एक विशेष तरह की हलचल से भरी रहती है। यहाँ लोग अपने-अपने काम में व्यस्त होते हैं, लेकिन इस भीड़ में एक ऐसा खतरा भी छिपा होता है, जो अक्सर अनजान रहता है। यह खतरा है रेलवे पटरी को पार करना। रेलवे ट्रैक पर दौड़ती हुई ट्रेनें न केवल तेज होती हैं, बल्कि उनकी आवाज भी बहुत भयानक होती है। फिर भी, कई लोग अपने समय की कमी या धैर्य की कमी के कारण ट्रैक पार करने का जोखिम उठाते हैं। वे सोचते हैं कि ह्लएक बार में ही तो पार कर लेंगे या ट्रेन आएगी तब तक मैं पार कर लूँगा।ह् यह सोच अक्सर जानलेवा साबित होती है। पटरी पार करने के दौरान लोग कई बार अपने चारों ओर की सुरक्षा को नजरअंदाज कर देते हैं। वे संकेतों और बैरियर को अनदेखा करते हैं, जो उनके जीवन की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं। दरअसल, ट्रैक पार करते समय यह जरूरी है कि व्यक्ति अपने आसपास की हर गतिविधि पर ध्यान दे। एक पल की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
जागरूक बने, लापरवाह नहीं
सरकार और रेलवे प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। कई स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही, लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न अभियान चलाए जा रहे हैं। स्कूलों में बच्चों को भी रेलवे सुरक्षा के बारे में पढ़ाया जा रहा है। हालांकि, सबसे जरूरी है कि हर व्यक्ति खुद अपनी सुरक्षा का ध्यान रखे। पटरी को पार करते समय हमेशा ध्यान रखें कि ट्रेन आ रही है या नहीं। हमेशा उस स्थान का उपयोग करें, जहाँ सुरक्षा बैरियर और संकेतक हों। जान का कोई मोल नहीं होता, इसलिए सुरक्षा के उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है। यह कहना गलत नहीं होगा कि रेलवे पटरी पार करने में लापरवाही नहीं, बल्कि जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है। हर व्यक्ति को यह समझना होगा कि उसकी एक छोटी सी गलती न केवल उसकी जिंदगी को खतरे में डाल सकती है, बल्कि उसके परिवार और समाज पर भी बुरा असर डाल सकती है। इसलिए, हमें हमेशा सजग रहना चाहिए और सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।