विश्वनाथ धाम की तर्ज पर दालमंडी में भू-अधिग्रहण

विश्वनाथ धाम की तर्ज पर दालमंडी में भू-अधिग्रहण

वाराणसी (रणभेरी सं.)। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर दालमंडी मार्ग के चौड़ीकरण के लिए जमीनों का अधिग्रहण होगा। यानी स्थानीय लोगों से समझौते के आधार पर जमीनें और दुकानें ली जाएंगी। इसके पीछे शासन की मंशा है कि बिना किसी विवाद या बाधा के परियोजना को समयावधि में पूरा कर लिया जाए। जमीन अधिग्रहण के बाबत माह के अंत तक कैबिनेट से अनुमति मिलने की उम्मीद है। नई सड़क से चौक थाने के बीच करीब 900 मीटर लम्बे मार्ग को 17 मीटर चौड़ा कॉरिडोर बनाया जाना है। इसके दोनों तरफ पेयजल, सीवर लाइन के अलावा डक्ट लाइन भी बनाई जाएगी। कॉरिडोर के लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से सर्वे पूरा किया गया है। जिसमें 600 से ज्यादा भवन, धार्मिक स्थल, सरकारी भवन और अन्य प्रतिष्ठान आ रहे हैं। पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और सदर तहसील प्रशासन की ओर से संयुक्त सर्वे रिपोर्ट जल्द ही कमिश्नर और जिलाधिकारी के समक्ष पेश की जानी हैं। अधिकारियों के मुताबिक इसमें आधे से कम जमीन निजी सम्पत्ति के रूप में दर्ज हैं। इसलिए उनसे समझौते के आधार पर जमीन ली जाएंगी। इसके लिए जिला प्रशासन ने काशी विश्वनाथ धाम के मॉडल पर जमीन अधिग्रहण के लिए शासन से अनुमति मांगी है।

दालमंडी के चौड़ीकरण को लेकर नापजोख के साथ सर्वे का खत्म हो गया है। पीडब्ल्यूडी के सर्वे में 146 मकानों को चिह्नित किया गया है। जिस पर बहुत जल्द ही बुलडोजर चलेगा। चौड़ीकरण की जद में छह मस्जिदें भी आएंगी। इसकी सूची बनाकर पीडब्ल्यूडी ने शासन-प्रशासन को भेज दिया है। आने वाले दिनों में इस सड़क को 56 फीट चौड़ा किया जाएगा। इस पर 210 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सड़क चौड़ीकरण के बाद श्री काशी विश्वनाथ जाने का रास्ता सुगम होगा। साथ ही रोजगार के अवसर खुलेंगे। होटल, मॉल, व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स आदि खोले जाएंगे। उधर, प्रदेश सरकार ने लखनऊ और वाराणसी में सड़क नेटवर्क को और बेहतर बनाने के लिए 100 से अधिक सड़कें बनाने की योजना तैयार की है। यह निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत किया जाएगा।

सीएम योगी के निर्देश के बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सक्रिय हो गए, लेकिन यहां कारोबार करने वाले व्यापार को लेकर चिंतित हैं। पिछले दिनों नापजोख के अलावा नगर निगम की टीम ने तिरपाल हटवाने का काम शुरू किया गया था। चौड़ीकरण को लेकर बहुत पहले ही दालमंडी की नापी हो चुकी है। बाकी का काम तेज गति से चल रहा है। पुलिस का चक्रमण यहां लगातार जारी है। मुसाफिरखाना के पास पुलिस की एक मोबाइल वैन अक्सर खड़ी रहती है। इस सड़क को चौड़ी करने से विश्वनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को सहूलियत होगी। यहां मुस्लिम आबादी अधिक है। शहर में बढ़ते जाम को देखते हुए दालमंडी की सड़क को चौड़ा किया जाएगा।

मार्केट में 50 से अधिक बेसमेंट

सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू होते ही कारोबारियों में हड़कम्प मचा है। वे कारोबार को लेकर चिंतित हैं। अचानक से बाजार से हटने के कारण उन्हें व्यापार के लिए दूसरा विकल्प तलाशना होगा। 2018 में दालमंडी में काफी बड़ा सुरंग मिला था। जानकारों का कहना है कि दालमंडी क्षेत्र में एक ही नहीं, बल्कि 50 से बेसमेंट हैं, जिसे सुरंग भी कहा जा सकता है। अगर वीडिए की टीम पूरे मार्केट की जांच करेगी तो इसकी सच्चाई सामने आ सकती है। हालांकि आने वाले दिनों में यहां के व्यापारी अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे। इसके लिए पत्रक तैयार कराया जा रहा है।

बनारस का सुपर मार्केट है दालमंडी

बनारस का सुपर मार्केट दालमंडी को कहा जाता है। यहां हर प्रकार की दुकानें हैं। कपड़े, ज्वेलरी, खानपान, पूजा पाठ, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानों की लाइनें लगी हैं। यहां पूरे पूर्वांचल से लोग कारोबार के सिलसिले में आते हैं। दिन में यहां पैदल चलना मुश्किल होता है, लेकिन रात में चार पहिया गाड़ी से लोग नई सड़क से चौक पांच मिनट में पहुंच जाते हैं।