साल 2024 में इन घटनाओं से दो-चार हुई काशी 

साल 2024 में इन घटनाओं से दो-चार हुई काशी 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। 2024 का वर्ष समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, और यह साल काशी के लिए कई तरह की घटनाओं और चचार्ओं से भरा रहा। इस साल काशी में अपराध की कई ऐसी घटनाएं घटीं, जिन्होंने न केवल शहरवासियों को झकझोर दिया, बल्कि समाज में गहरी चिंता और असुरक्षा का माहौल भी उत्पन्न किया। काशी, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, इस साल अपराध की बढ़ती घटनाओं से चर्चा में रहा। साल 2024 में काशी में महिलाओं के खिलाफ अपराध, लूटपाट, हत्याएं, और सांप्रदायिक हिंसा जैसी घटनाओं ने सबको चौंका दिया। स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली और अपराधियों के प्रति नरमी को लेकर भी विवाद उभरे। काशी में अपराधियों की गिरफ्तारी में देरी और सुरक्षात्मक उपायों की कमी ने सवाल उठाए। हालांकि, इस साल में प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं, जैसे पुलिस पेट्रोलिंग को बढ़ाना और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात की। बावजूद इसके, काशी में अपराध का ग्राफ बढ़ता ही रहा, जो सामाजिक ढांचे को चुनौती दे रहा है। यह घटनाएं न केवल काशीवासियों के लिए बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक चेतावनी हैं कि कानून व्यवस्था में सुधार और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

सारनाथ जुआ प्रकरण

सारनाथ थाना क्षेत्र के रुद्रा अपार्टमेंट में जुआ प्रकरण भी काफी चर्चा में रहा। यह घटना घटित होने के काफी समय बाद चर्चा में आई। इस मामले में आरोपी ने बड़ी होशियारी से स्वयं को सीएम का ओएसडी बताया था और उसमें उसका साथ तत्कालीन थानाध्यक्ष ने दिया था। मामले सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर ने थाना प्रभारी को सस्पेंड कर उसके खिलाफ ऋकफ दर्ज किया था। वहीं मुख्य आरोपी को पुलिस ने महाराष्ट्र से गिरफ़्तार किया। 

महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 3.55 करोड़ की ठगी

मंडुआडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत एक स्कूल से रिटायर्ड शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट कर 3.55 करोड़ की ठगी हुई थी। इस मामले में वाराणसी की साइबर क्राइम टीम ने आरोपी पवन सिंह (जयपुर निवासी) को कैंट स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया। पवन के खाते में ठगी के 55 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे, जिनमें से उसने कुछ राशि अपने पास रखी और बाकी अन्य खातों में भेज दी। पुलिस ने उसके कब्जे से 71 हजार रुपये बरामद कर खाता सीज कर दिया।

नदेसर चौकी प्रभारी ने सरार्फा व्यवसाई के पैसे लूटे

वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में सरार्फा व्यापारी के कर्मचारी से 42.5 लाख रुपए लूट का मामला काफी चर्चा में रहा। इस केस में मुख्य आरोपी नदेसर चौकी प्रभारी सूर्य प्रकाश पांडेय ने गैंग बनाकर वारदात को अंजाम दिया था। चौकी प्रभारी का नाम केस में आने के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने आरोपी दरोगा और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर उनके पास से लूट के 42 लाख 50 हजार रुपए में से 8 लाख रुपए के साथ दो पिस्टल के और जिंदा कारतूस बरामद किया।

बच्ची से रेप हत्या कर पानी की टंकी में फेंका

वाराणसी में 13 साल की बच्ची से दरिंदगी का आरोपी उसका पड़ोसी मुंहबोला भाई ही निकला। आरोपी ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्ची के शरीर पर चोट के 8 निशान मिले थे। चेहरे पर दांत से कांटा गया था। आंख, पीठ और कमर के नीचे भी चोट के निशान मिले थे। इतना ही नहीं, बच्ची के प्राइवेट पार्ट पर भी चोट के निशान मिले थे। आरोपी ने बच्ची को लालच देकर घर से कुछ दूरी पर अपार्टमेंट की छत पर बुलाया फिर उसके साथ दरिंदगी की। इसके बाद आरोपी ने पोल खुलने के डर से उसकी हत्या कर पानी की टंकी में फेंक दिया। 

 संपत्ति विवाद में सौतेले बेटों ने की पिता की हत्या

राजातालाब क्षेत्र में रिश्तों को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया, जहां दो पुत्रों ने मिलकर अपने ही पिता की हत्या कर दी। घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। पुलिस ने मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।  वाराणसी में लुटेरी दुल्हन समेत पूरा गैंग चढ़ा

पुलिस के हत्थे

वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने शादी का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह पर काबू किया। पुलिस ने इनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, और आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया था। गिरोह अविवाहित और अनुभवहीन व्यक्तियों को निशाना बनाता था। लड़की के परिजन के रूप में गिरोह के सदस्य शामिल होते थे। नकली दस्तावेजों और रस्मों के साथ शादी कराई जाती थी। शादी के बाद लड़की स्टेशन पर बहाने बनाकर गायब हो जाती थी। ठगी से अर्जित रकम को गिरोह के सदस्य आपस में बांट लेते थे। पुलिस ने गिरोह से जुड़े 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया। 

प्रेमिका से मिलने पहुंचे प्रेमी को जलाया जिन्दा

वाराणसी के चोलापुर थाना क्षेत्र के बेनीपुर गांव में नव वर्ष के दिन प्रेमिका से मिलने पहुंचे प्रेमी शुभम सेठ की पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया गया था। इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली में घोर लापरवाही की बात सामने आई थी। हालांकि पुलिस ने इस मामले में मुख्या आरोपी लड़की के पिता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 

इस साल के मुठभेड़

वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस इस वर्ष एक्शन मोड में नजर आई। इस साल पुलिस ने कई चैन स्नेचरों को नाकों चने चबवा दिए। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के निर्देश पर कई अपराधियों पर स्नेचर की। जून से अब तक पुलिस ने दर्जनभर से ज्यादा एनकाउंटर कर आरोपियों को दबोचा। जिसके बाद आम पब्लिक ने राहत की सांस ली। 

व्यापारी की हत्या कर शव कई टुकड़ों में फेंका

लक्सा थाना क्षेत्र में  व्यापारी दावर बेग की हत्या कर शव को आरोपियों ने शहर के कई हिस्सों में टुकड़े कर फेंक दिया था। इस मामले में एक आरोपी ने भेलूपुर के मस्जिद में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। वहीं दूसरे आरोपी को पुलिस ने उसके मुगलसराय थाना क्षेत्र के कटेसर स्थित गोदाम से दबोच लिया। 

अधिवक्ता ने रची खुद के अपहरण की साजिश

इस साल सबसे ज्यादा चर्चित मामलों में अधिवक्ता के अपहरण की भी गुत्थी थी। अधिवक्ता ने बैंकों के लोन से परेशान होकर खुद के अपहरण की साजिश रची थी। मामले ने काफी तूल पकड़ा। सीएम योगी तक मामला पहुंचने के बाद पुलिस कमिश्नरेट टीम एक्टिव हुई और अधिवक्ता को ढूंढ निकाला। इसके बाद पुलिस ने अधिवक्ता के खिलाफ विधिक कार्यवाही कर उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेजा।

भेलूपुर 5 मर्डर केस

भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी इलाके में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या केवल बनारस ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना। शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता और उसके परिवार की हत्या और विवेचना की जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री योगी ने भी ली थी। इस हत्या की गाज राजेंद्र के भतीजे विक्की गुप्ता पर गिरी। पुलिस की कई टीमें उसके सर्च के लिए बनारस से बंगाल और फिर अन्य स्थानों तक पहुंची, लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक कोई ठोस सुराग और आरोपी भी नहीं लग सका। 

आईआईटी बीएचयू छात्रा रेप केस 

आईआईटी बीएचयू छात्रा रेप केस मामले ने 2023 से ही काफी तूल पकड़ा था। आरोपियों के हाई प्रोफाइल होने के कारण इस केस की गूँज दिल्ली तक पहुंची थी। घटना के 60 दिनों बाद आरोपियों की गिरफ़्तारी होने और 11 महीने में ही तीनों आरोपियों को जमानत मिलने एक बाद विपक्षी दलों ने सत्ता पक्ष को कटघरे में खड़ा किया था। फिलहाल इस केस की सुनवाई अभी तक जारी है।