सावन के तीसरे सोमवार पर केसरिया हुई काशी, दोपहर 1 बजे तक 3.30 लाख श्रद्धालु पहुंचे
वाराणसी (रणभेरी): सावन के तीसरे सोमवार पर वाराणसी में बाबा विश्वनाथ का अभिषेक पाकिस्तान की सिंधु सहित देश की 12 नदियों और तीन समुद्रों के जल से किया गया। आज बाबा विश्वनाथ अर्धनारीश्वर स्वरूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। इससे पहले डमरू बजाते हुए यात्रा निकाली गई। दोपहर 1 बजे तक 3 लाख 30 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए हैं। हर-हर महादेव और बोल बम के गगनभेदी नारों के साथ नंगे पैर सड़कों पर कांवरियों का सैलाब उमड़ पड़ा है। विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र कांवरियों के कारण केसरिया रंग में रंगा नजर आ रहा है। गंगा द्वार से प्रवेश बंद है।
शहर के केदारेश्वर, मृत्युंजय महादेव मंदिर, सारंग नाथ, कर्मदेश्वर महादेव और बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य देवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी है। बाबा विश्वनाथ के दरबार में सुबह 10 बजे तक तीन लाख से ज्यादा भक्तों ने मत्था टेका है। विश्वनाथ मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि सावन के तीसरे सोमवार पर शिवभक्तों का आंकड़ा छह लाख को पार कर जाएगा।
विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ के महामंत्री कमल तिवारी ने बताया, ''विश्व कल्याण की कामना के साथ जलाभिषेक यात्रा निकाली गई। परंपरा निभाते हुए दशाश्वमेध के चितरंजन पार्क पर व्यापारी कलश में जल लेकर इकट्ठा हुए। त्रिशूल और डमरू लेकर सभी सिंह द्वार (डेढ़सी पुल) से साक्षी विनायक होते हुए गेट नंबर एक से विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचे। फिर, मां अन्नपूर्णा का दर्शन-पूजन कर ढुंढिराज से होकर वापस साक्षी विनायक के दर्शन करने के बाद जलाभिषेक यात्रा का समापन हुआ।
जलाभिषेक के लिये विश्वनाथ गली के व्यापारी सुबह आठ बजे चितरंजन पार्क पर इक्कठा हुए। डमरूओं की गड़गड़ाहट और शंख ध्वनि करते हुए व्यापारियों का समूह परंपरागत मार्ग सिंहद्वार (डेढ़सीपुल) से साक्षी-विनायक होते हुए गेट नं.-1 ढुंढिराज गणेश से विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचा।कोरोना काल और बाबा विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद सावन में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आने वालों का रेला उमड़ पड़ा। 14 जुलाई से 31 जुलाई तक 45 लाख से अधिक शिवभक्त बाबा के दरबार में दर्शन के लिए पहुंचे हैं। मंदिर प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार केवल दोनों सोमवार को ही 11 लाख से अधिक शिवभक्तों ने बाबा का जलाभिषेक किया।