सट्टा माफियाओं के बैकबोन 'अश्विनी केशरी' पर क्यों मेहरबान है वाराणसी पुलिस?
*चाह जाए वाराणसी पुलिस तो अश्वनी खोल सकता है सट्टा माफियाओं का राज !
*संगठित अपराध की पौध को सींच रहे है पंकज आर्या और बबलू अग्रवाल
वाराणसी(रणभेरी)। बदलते समय और तेजी से बढ़ रहे टेक्नोलॉजी के बीच युवाओं में कम समय में अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचने की प्रतिस्पर्धा भी हर दिन तेजी से बढ़ रही है। हालांकि यह सार्वभौमिक सत्य है कि बिना मेहनत और संघर्ष के सफलता को ऊंचाइयों को छूना मुमकिन नहीं है। लिहाजा किसी अन्य चक्रव्यूह में युवा फंसकर दूसरे के बनाए बबार्दी के रास्तों को चुनकर अपने भविष्य को खोखला कर रहे हैं। बबार्दी का यह रास्ता शुरूआत में तो आसान दिखता पर इसका अंतरिम परिणाम भयावह है। टेक्नोलॉजी के इस दौर में चंद पलों में ही लखपति या करोड़पति बनने का ख्वाब युवाओं को किस ओर ले जा रहा यह अब चिंतनीय हो गया है। युवा चंद पलों में ही करोड़पति बनने के ख्वाब में सट्टे के दलदल भरे रास्ते पर चल पड़े हैं। बता दें कि इन दिनों इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के खेल का खुमार युवाओं के सर खूब चढ़कर बोल रहा है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी आईपीएल के आकर्षण से सट्टेबाजी के उन्माद युवाओं के सर इस कदर चढ़ गया है कि दिन प्रतिदिन शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक यह लत लगातार फैलता जा रहा है। इसे सांठगांठ समझिए या फिर अनभिज्ञता, पर हकीकत यह है कि प्रशासन की नाकामी के कारण हर रोज युवा बबार्दी के गर्त में जाने को विवश है। कमिश्नरेट बनने के बावजूद भी वाराणसी पुलिस की नजर यहां तक नहीं पहुंच रही जहां हर रोज युवाओं के भविष्य की बली चढ़ाई जाती है। इन तमाम तहकीकातों के बीच एक सवाल जो सबके मन में उभर रहा है वह ये है की आखिर कौन है जो काशी के युवाओं को बबार्दी के गर्त में ढकेलने का जिम्मा ले रखा है ! कौन है वो जो हजारों परिवार के युवाओं की बबार्दी की इबारत हर रोज लिख रहा है ! वह कौन है जो युवाओं को बर्बाद कर कमाए करोड़ों रुपए को प्रशासन की नजर में धूल झोंककर इधर से उधर कर रहा है ! इन तमाम सवालों के बीच तहकीकात करने पर सूत्रों से बड़ी जानकारी उभर कर आई। इस बबार्दी के खेल में एक नायक है जिसका नाम है अश्विनी केशरी। आप सोच रहे होंगे की कौन है यह अश्वनी केशरी ! तो सूत्रों के हवाले यह खबर है कि इस बबार्दी के खेल में अहम भूमिका निभाने वाला अश्विनी वह शख्स है जो सट्टेबाजी के खेल में अवैध तरीके से कमाए हुये काले धन को को सेटलमेंट का काम करता है। वाराणसी में अपना पैर जमा चुके सट्टेबाज रोजाना करोड़ों के वारे-न्यारे कर रहे हैं उसमें अश्विनी केशरी की भूमिका अग्रणी है। असल में सट्टे की काली कमाई हवाला के जरिए सट्टा माफियाओं सहित अलग-अलग पार्टियों तक पहुंचाई जाती है । हवाला के जरिए पार्टियों तक रकम का भुगतान करने की जिम्मेदारी अश्वनी केशरी नाम के एक व्यक्ति के पास है। हालांकि इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि हवाला के जरिये सट्टे की रकम का भुगतान करने वाले कई और लोग होंगे लेकिन वर्तमान में प्राप्त जानकारी के अनुसार अश्वनी केशरी अकेले ही बड़ी रकम इधर से उधर करता है। अश्वनी सटोरियों के सिंडिकेट के लिए काम करता है, इसलिए अश्वनी को वाराणसी के सटोरियों का बैकबोन कहा जाता है। अगर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस चाह ले तो अश्वनी केशरी के जरिए प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के युवाओं की बबार्दी की इबारत लिखने वाले सट्टा माफियाओं सहित तमाम सटोरियों का पदार्फाश कर सकती है।
अश्वनी खोल सकता है सट्टेबाजो का राज !
वाराणसी में अब तक सट्टेबाजो पर अपना शिकंजा कसने में नाकाम कमिश्नरेट पुलिस यदि हवाला के जरिये सट्टेबाजो का पैसा ट्रांसफर करने वाले अश्वनी केशरी तक पहुंच जाए तो सट्टेबाजो का चेहरा बेनकाब हो जायेगा जो वाराणसी पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। सूत्रों की माने तो हवाला कारोबारी अश्वनी केशरी को सट्टे के काले कारोबार से जोड़ने वाला व्यक्ति सौरभ केजरीवाल है। सौरभ केजरीवाल शहर के सटोरियों और अश्वनी केशरी के बीच की सबसे मजबूत कड़ी है। ऐसे में यदि प्रशासन सौरभ और अश्वनी तक पहुंच जाए तो दर्जनों चेहरे बेनकाब हो जायेंगे।
हवाला है सट्टा कारोबार का सबसे बड़ा आधार
भारत में सट्टा के काले कारोबार से जुड़े लोगों के बीच लेन-देन का एक मात्र आधार हवाला ही है। जीत और हार के इस अवैध खेल में सब कुछ गुप्त होता है। सट्टा कारोबार की जड़े अंडर वर्ल्ड तक फैली हैं। संगीन अपराध होने के बावजूद इस काले कारोबार से जुड़े लोगों तक पहुंचना पुलिस के लिए बहुत मुश्किल होता है। भरोसे पर टिके इस काले कारोबार से जुड़े लोग कोइ सबूत नहीं छोड़ते यही वजह है कि संगठित अपराध के जरिये हजारो लाखों जिन्दगिया बर्बाद करने वाले लोग बेखौफ अपना धंधा करते है और कानून के शिकंजे से बहुत दूर रहते हैं। इस धंधे का सारा लेन-देन हवाला के जरिये ही हो रहा है।