"नादान परिंदों" ने राहगीरों की बुझाई प्यास, लंका पर बांटी गई लस्सी व छाछ

वाराणसी (रणभेरी): तपती दोपहरी में जब राहगीर प्यास और लू से बेहाल थे, तब "नादान परिंदे" साहित्य मंच ने मानवता की मिसाल पेश की। मंच के संयोजन में मंगलवार को लंका स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के समीप एक सेवा शिविर लगाकर राहगीरों को शीतल लस्सी और छाछ वितरित की गई। साहित्य मंच के संयोजक डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि जेठ की भीषण गर्मी में आमजन को राहत देने की भावना से यह पहल की गई।
उन्होंने कहा, "गर्मी में जब प्यास से लोग परेशान हैं, ऐसे समय में ठंडी छाछ और लस्सी जैसे पारंपरिक पेय उन्हें शारीरिक ही नहीं, मानसिक सुकून भी देते हैं।" राहगीरों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह सेवा न केवल शरीर को ठंडक पहुंचा रही है, बल्कि दिल को भी राहत दे रही है। सेवा शिविर में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों की सहभागिता रही। कार्यक्रम में कैलाश सिंह विकास, बबीता, मुकेश पांडे, प्रकाश कुमार श्रीवास्तव, झरना मुखर्जी सहित कई अन्य स्वयंसेवक उपस्थित रहे, जिन्होंने वितरण में सहयोग किया।