पुराने शातिरों पर भी नजर
वाराणसी रणभेरी। पुलिस भर्ती परीक्षा के बाद समीक्षा अधिकारी (आरओ) पद के लिए हुई परीक्षा में भी पेपर लीक होने से सरकार की भारी किरकिरी हुई है। किरकिरी के लिए जिम्मेदार शातिरों की धरपकड़ में लगी एसटीएफ हर एंगल पर कदम बढ़ा रही है। इस क्रम में उसकी नजर उन दो शातिरों पर है जो तीन साल पहले कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले में संलिप्त पाए गए थे। उनकी गिरफ्तारी हुई थी, फिलहाल जमानत पर हैं। एसटीएफ को आशंका है कि उक्त दोनों शातिरों का कनेक्शन पुलिस भर्ती व आरओ परीक्षाओं में गड़बड़ियां कराने वालों से हो सकता है। इनमें एक के फिर सक्रिय होने के सुराग मिले हैं। वाराणसी में साल 2021 में मिर्जापुर चुनार और सुसवाहीं बनारस के दो शातिर पकड़ गए थे। चुनार के शातिर ने स्वीकार किया था कि उसने सहायक शिक्षक, यूपीटेट, यूपीएसआई, एएनएम चिकित्सा विभाग, एसएससी समेत कई परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक कराए। साथ ही, परीक्षार्थियों की जगह साल्वर भी बैठाया था। यह अपराधी बिहार के एक गिरोह से मिलकर सिंडिकेट चला रहा था। वहीं, सुसुवाही का शातिर सुंदरपुर में साइबर कैफे खोलकर फर्जी प्रवेश पत्र और आधार बनाता था। साल 2020 के नीट में पटना के नीलेश उर्फ पीके के गिरोह का खुलासा हुआ था। चुनार के शातिर का पीके के गिरोह के साथ संलिप्तता मिली थी। पीके उर्फ नीलेश ने अंतरप्रांतीय नेटवर्क बना रखा था।