इसी वर्ष लॉन्च होगा भारत का पहला सौर मिशन 'आदित्य L1', IIT BHU में जुटे देशभर के वैज्ञानिक
वाराणसी (रणभेरी): IIT-BHU में शनिवार को भारत के प्रथम सौर मिशन 'आदित्य L-1' सैटेलाइट पर वर्कशॉप की शुरूआत की गई। ISRO की ओर से दिसंबर में इसे लांच किया जाएगा। साथ ही इसमें देशभर के विज्ञानी मंथन करने जुटे हैं। यह सूरज के छुपे रहस्यों को बाहर लाएगा। IIT-BHU के कई खगोल वैज्ञानिक भी इस 'आदित्य L1' सैटेलाइट मिशन प्रोजेक्ट में शामिल हैं। इन्होंने सैटेलाइट के कई डिवाइसेज भी डिजाइन किए हैं।
IIT-BHU के खगोल वैज्ञानिकों ने वर्कशॉप के दौरान बताया कि यह स्पेस के लैगरेजियन-1 प्वाइंट पर प्रक्षेपित होगा। इसमें कई डिवाइस लगाए गए हैं जो कि सौर वातावरण में कई तरह की एनर्जी से लैस प्लाज्मा प्रक्रियाओं के फिजिकल और उनके राेल को समझाएंगे। इससे अंतरिक्ष के मौसम और पूरी परिस्थितियों के बारे में जानकारियां मिलेंगी। साथ ही अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी भी करेगा। वहीं, खास तौर पर कोरोनल हीटिंग, सूर्य के सतह पर होने वाले विस्फोटों और सोलर विंड के बारे में भी कई नई-नई जानकारियां देगा। कार्यक्रम के संयोजक अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि आदित्य एलवन पहली भारतीय सौर अंतरिक्ष मिशन है।
इसे 2023 के अंत में इसरो द्वारा लांच किए जाने की उम्मीद है।उन्होंने बताया कि इसमें कई उपकरण ऑनबोर्ड हैं जो विभिन्न प्लाज्मा प्रक्रियाओं की भौतिकी और उनकी भूमिका को समझने में संभावित रूप से हनारी मदद करेगी। आदित्य एलवन मिशन की विशाल क्षमता को देखते हुए वैज्ञानिक कार्यशाला में सौर और हेलिओस्फेरिक भौतिकी में चुनौतियों पर चर्चा करने के साथ समाधान का प्रयास करेंगे। कार्यशाला में खगोलविद, भौतिक शास्त्री व छात्र शामिल हैं।