'मैं प्यार में भी सक्सेस नहीं हो पाया... नौकरी पाने में भी असमर्थ रहा', सुसाइड नोट लिख छात्र ने की खुदकुशी

'मैं प्यार में भी सक्सेस नहीं हो पाया... नौकरी पाने में भी असमर्थ रहा', सुसाइड नोट लिख छात्र ने की खुदकुशी

लखनऊ। मैं प्यार में भी सक्सेस नहीं हो पाया, नौकरी पाने में भी असमर्थ रहा। दसियों बार इंटरव्यू दिया, पर कामयाबी नहीं मिली। कुछ इस तरह की लाइनें सुसाइड नोट में लिखकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र ने आत्महत्या कर ली। पुलिस का दावा है कि उसने अवसाद के चलते जान दी है। घटना मड़ियांव इलाके की है।

सीतापुर के नैमिषारण्य के निजामपुर डिघवा गांव निवासी रोहित कुमार (21) तीन माह से मड़ियांव के मोहिबुल्लापुर आरजू नगर में आशा देवी के मकान में किराये पर रह रहे थे। बुधवार सुबह आशा देवी को तीसरे मंजिल पर बने रोहित के कमरे से दुर्गंध आने का अहसास हुआ। वह जब ऊपर पहुंचीं तो देखा कि कमरे के अंदर से खून निकल रहा था और दरवाजा बंद था। खिड़की से झांका तो रोहित का शव पंखे में गमछे के सहारे लटक रहा था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और शव नीचे उतारा। 

परिजनों को खबर दी और शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के मुताबिक रोहित का शव दो से तीन दिन पुराना हो चुका था। उसने टाई, बेल्ट व जूते पहने हुए थे। ऐसा लगा रहा था कि वह कहीं से इंटरव्यू देकर लौटा था।
आधे पन्ने में लिखा सुसाइड नोट और एक डायरी मिली

पुलिस का कहना है कि कमरे से आधे पन्ने पर लिखा सुसाइड नोट मिला है। जो इशारा कर रहा है कि बेरोजगारी और प्रेम-संबंध को लेकर रोहित ने जान दी है। रोहित डायरी भी लिखते थे। 26 अगस्त को आखिरी बार डायरी में लिखा था कि सीतापुर से लखनऊ आने के लिए पिता की जेब से 50 रुपये निकाले थे। बस का किराया 138 रुपये है, कैसे पहुंच पाएंगे। रोहित के पिता चंद्रभान सीतापुर में रहकर दूध का काम करते हैं।